Sarguja express
अंबिकापुर…..कुलपति इं.गां.कृ.वि. रायपुर डॉ. गिरिश चंदेल के निर्देश तथा इं.गां.कृ.वि. रायपुर के निदेशक डॉ. एस.एस. टुटेजा के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा के प्रांगण में आज से मधुमक्खी पालन विषय पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण नेशनल बीकीपिंग एवं हनी मिशन अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ राजमोहनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र अजीरमा के अधिष्ठाता डॉ. एस.के. सिन्हा के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
सर्वप्रथम कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा के प्रभारी डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि सरगुजा संभाग में मधुमक्खी पालन व्यवसाय की अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ सालभर मधुमक्खियों के भोजन के लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध रहते हैं, जिससे किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।
डॉ. के.एल. पैंकरा, सहायक संचालक अनुसंधान ने कहा कि मधुमक्खी पालन समन्वित कृषि प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अपनाकर किसान बिना अधिक लागत के लाभ कमा सकते हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. एस.के. सिन्हा ने हनी मिशन के तहत अधिक से अधिक किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से न केवल शहद व अन्य उत्पाद प्राप्त होते हैं बल्कि फसल उत्पादन में भी 20 से 25 प्रतिशत तक वृद्धि होती है।
तकनीकी सत्र के दौरान वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण प्रभारी श्री सूर्य प्रकाश गुप्ता ने मधुमक्खी पालन का आरंभ कब और कैसे करेंगे के बारे में पर विस्तार से चर्चा की। मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ डॉ. सचिन जायसवाल ने मधुमक्खी के विभिन्न प्रजातियों एवं मौन परिवार का संगठन एवं विकास के बारे में जानकारी दी।
इस प्रशिक्षण में सूरजपुर जिले से चयनित 25 किसान शामिल हुए है । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. वीरेंद्र कुमार, कार्यक्रम सहायक, कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा द्वारा किया गया।