Sarguja express….
अंबिकापुर. 21 नवम्बर को संभाग के अग्रणी महाविद्यालय, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में हुआ। भूगोल विभाग एवं छत्तीसगढ़ भूगोल परिषद् के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है ‘भारत में क्षेत्रीय विकास मुद्दे एवं चुनौतियाँ। सेमीनार संगोष्ठी का उद्घाटन संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र लाकपाले के मुख्य आतिथ्य में शुरु हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं भूगोलविद् डॉ. अनिल सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में समस्त विद्वान आगंतुकों व उपस्थित शोध प्रेमियों का स्वागत किया। पर्यावरण सांइस के प्रतीक पौध गमलों से मंचासीन अतिथियों का स्वागत हुआ। मंच पर एसियन ज्योग्राफडर्स के वाइस प्रेसीडेंट व मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विशम्भर प्रसाद सती विषय विशेषज्ञ के रुप में, विशिष्ट अतिथि के रुप में छ.ग. भूगोल परिषद के संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष प्रो. जे. पी. शिवहरे व वर्तमान अध्यक्ष छ.ग. भूगोल परिषद् प्रो. डी.डी. कश्यप उपस्थित रहें। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी की स्मारिका एवं प्रो. अनिल कुमार सिन्हा एवं डॉ. राजीब जाना द्वारा लिखित पुस्तक “पर्यावरण अवनयन एवं सतत् विकास” का विमोचन माननीय कुलपति व मंच पर उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। इस शोध संगोष्ठी की संयोजक श्रीमती दीपिका स्वर्णकार ने विषय प्रवेश कराया। दीपिका जी ने अपने देश के क्षेत्रीय असमानताओं पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के विकास के लिए चुनौतियों व संभावनाओं पर बात रखी। छ.ग. भूगोल परिषद् के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जे.पी. शिवहरे ने यंग स्कॉलर्स को शोध के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. एस. सी. राय ने बीज वक्त्त्वय दिया। उन्होने कहा की ये बड़ी खुशी की बात है कि देश के विभिन्न संगोष्ठियों में छत्तीसगढ़ के शोध प्रेमी बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति सुनिश्चत करते हैं। यंग जेररशन को स्किलड बनाने एक इंस्टीयूट स्थापित करवाने की कोशिश करने को कहा। क्लाईमेट चेंज पर अपनी बात रखते हुए भारत, नेपाल और बागलादेश की मुख्य फसलों पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझाया। माननीय कुलपति लाकपाले सर ने समावेशी विकास की अवधारणा पर अपनी बात रखते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य को सभी के लिए निःशुल्क किये जाने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में प्रो. सती सर, प्रो. शिवहरे, प्रो. वी.के. वर्मा., प्रो. कश्यप सर ने भूगोल और उसमें नित नये व प्रासंगीक शोध के लिए सबको प्रेरित किया। संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में शोधार्थी आफैलाइन/ऑनलाइन जुडे रहें एवं लगभग 200 शोध पत्रों का इन दो दिवसीय संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकि सत्रों में प्रस्तुतीकरण होगा। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. उमेश कुमार पाण्डेय एवं आभार व्यक्त प्रो. डी.डी. कश्यप द्वारा किया गया।

