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अम्बिकापुर।वर्तमान में मानसिक बीमारी से ग्रसित मरीजो की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। जिसमें मरीज क्षणिक आवेश में व अवसाद में पीड़ादायक मौत को गले लगा रहा हैं। छत्तीसगढ़ में प्रत्येक 1लाख की जनसंख्या में 26 मरीज आत्महत्या कर रहे हैं। वहीं इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। अवसाद या डिप्रेशन सामान्यतः 15-45 वर्ष की उम्र में रहता है। प्रत्येक 20 में एक व्यक्ति अवसाद से पीड़ित रहता है।
विगत एक सप्ताह में 2 मरीज मरणासन्न स्थिति में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बन्ध चिकित्सालय अंबिकापुर में आपातकालीन कक्ष के माध्यम से रात में भर्ती हुए। जिनका सफल आपरेशन नाक कान गला व निश्चेतना विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा किया गया। पहला प्रकरण लखनपुर निवासी 35 वर्षीय पुरुष मरीज का था जिसमें मरीज नशे की हालत में स्वंय के गले को गंभीर चोट पहुंचाया। भर्ती के समय और आज तक मरीज का कोई साथी भी नही था। मरीज सांस नही ले पा रहा था। जबकि दूसरे केस में 20 वर्षीय महिला मनेन्द्रगढ जिला से रिफर होकर मरणासन्न स्थिति में आपातकालीन कक्ष में 8 अगस्त को रात्रि में आई थी। जिसकी 9 महीने की बच्ची है। मरीज के परिजन द्वारा अवसाद में होने की बात कही गई। उक्त मरीज द्वारा धारदार हंसिये से गले को कइ बार स्वंय के द्वारा काटा गया।, जिस से सांस की नली 2 हिस्सा में कट गई थी। आपातकालीन कक्ष से जानकारी प्राप्त होने के बाद त्वरित शल्यक्रिया करते हुए मरीज की जान बचाइ गई। आपरेशन मे नाक कान गला विभाग के डा शैलेन्द्र गुप्ता, डॉ उषा आर्मो, डॉ राजेश, डॉ प्रिन्सी डॉ प्रेरणा थी। निश्चेतना विभाग से विभाध्यक्ष डा मधुमिता मुर्ति के मार्गदर्शन में डा पार्थ सारथी, डा वसीम, डा शायक ने कार्य किया।