सरगुजा एक्सप्रेस…….प्रतापपुर ।नगर के बस स्टैंड में अपने ससुराल से मायके जा रही गर्भवती महिला ने प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण बस स्टैंड में खुले में ही बच्चे को जन्म दे दिया ।इस बीच किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवा समय पर उपलब्ध नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
ओड़गी विकासखंड के ग्राम मजूर धक्की निवासी गर्भवती महिला सोनमतीया 24 वर्ष मजूर धक्की
से बस में प्रतापपुर आई तथा बस चेंज करने के लिए सोनगरा अपने मायके में जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा डिलीवरी के लिए जाना चाह रही थी। पूरे रास्ते भर दर्द से
कराह रही प्रसूता ने बस स्टैंड में ही खुले में बेटी को जन्म दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो स्थानीय बस स्टैंड में वह महिला बस से उतरी। करीब 4:30 बजे के आसपास उतरने के साथ बस स्टैंड के बीचों-बीच भीड़ भाड़ वाले जगह में सड़क पर वह महिला दर्द से कराहने लगी और भी सड़क में दिया बच्चे को जन्म दे दिया।
जब स्थानीय लोगों ने देखा कि यह मामला डिलीवरी का है तब भारी संख्या में लोगों की भीड़ हो गई और लोगों ने अपना अपना चेहरा को पीछे कर लिया। बस स्टैंड में स्थित द्वारका मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक अरविंद जैसवाल के पत्नी अंजना जयसवाल सहित नर्स ने मानवता दिखाते हुए सड़क पर लेटी उक्त महिला को चारों ओर से चादर से घेराबंदी किया।
हालांकि इसकी जानकारी कुछ देर बाद मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस मौके पर पहुंची और उक्त महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जिसका उपचार जारी है।
महिला और बच्चा है स्वस्थ-बीएमओ
इस विषय में बीएमओ डॉक्टर विजय सिंह ने कहा कि ओढ़गी ब्लॉक कि उक्त महिला है। मामले का जैसे पता चला तत्काल वाहन बस स्टैंड में भेज कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। बच्चे का जन्म हो चुका था ।फिलहाल महिला को बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है। चिकित्सकों की देखरेख में इलाज जारी है किसी प्रकार का दिक्कत होने पर तत्काल जिला अस्पताल भर्ती कराया जाएगा। महिला ने 3 किलो का बेटी को जन्म दिया है। अचानक प्रसव पीड़ा होने पर इस तरह का घटना हुई ।