22 December 2024
बुसान इंटरनेशनल आर्ट फेयर 2024 में शहर के चित्रकार गोविंद विश्वास का प्रतिनिधित्व….भारतीय और कोरियाई कला और संस्कृति को एक साथ लाने का एक अनूठा प्रयास
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बुसान इंटरनेशनल आर्ट फेयर 2024 में शहर के चित्रकार गोविंद विश्वास का प्रतिनिधित्व….भारतीय और कोरियाई कला और संस्कृति को एक साथ लाने का एक अनूठा प्रयास

Sarguja express…..

अम्बिकापुर….दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आयोजित होने वाले बुसान इंटरनेशनल आर्ट फेयर 2024 में शहर के प्रसिद्ध चित्रकार गोविंद विश्वास को आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन भारतीय और कोरियाई कला और संस्कृति को एक साथ लाने का एक अनूठा प्रयास है। चेन्नई के इंडो-कोरियन सेंटर के प्रयासों, क्यूरेटर आशरफी भगत जी और समन्वयक गेल बॉसर के नेतृत्व में यह आयोजन सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।

इस प्रतिष्ठित मेले में भारत के लगभग 25 प्रख्यात कलाकार अपनी कलाकृतियाँ प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रत्येक कलाकार की दो-दो उत्कृष्ट रचनाओं को प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है। यह फेयर 5 दिसंबर से 8 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विश्वभर से कला प्रेमी और संग्रहकर्ता हिस्सा ले रहे हैं।

गोविंद विश्वास की विशेष कलाकृतियाँ


गोविंद विश्वास, जो अपनी अनूठी कला तकनीक ‘इंप्रिटो’ के लिए प्रसिद्ध हैं, ने इस आयोजन में अपनी दो विशेष रचनाएँ प्रदर्शित की हैं। उनकी पहली रचना, “कमंडल”, हिंदू ऋषि-मुनियों की जीवनशैली और भारतीय सनातन संस्कृति का प्रतीक है। इस पेंटिंग के माध्यम से उन्होंने कमंडल को केवल एक वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के गहरे आध्यात्मिक अर्थ और उसके प्रतीकात्मक महत्व के रूप में चित्रित किया है।

गोविंद विश्वास ने बताया:


“कमंडल केवल एक साधारण वस्तु नहीं है। यह हमारी परंपराओं और हमारी सनातन जीवनशैली का एक ऐसा प्रतीक है, जो हमें अपने मूल्यों और संस्कृति की गहराई का अहसास कराता है। मेरी इस पेंटिंग के माध्यम से मैं वैश्विक दर्शकों को भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों से परिचित कराना चाहता हूँ।”

उनकी दूसरी पेंटिंग, “मिस्टीरियस लाइन”, हमारी यादों और जीवन के गहरे अनुभवों को रेखाओं के माध्यम से प्रस्तुत करती है। गोविंद ने इसे एक अमूर्त रूप में रचा है, जिसमें रेखाएँ समय, स्मृतियों और परंपराओं को दर्शाती हैं। यह पेंटिंग दर्शकों को हमारे जीवन और संस्कृति के भीतर छिपे गहरे रहस्यों से जुड़ने का अवसर देती है।

उन्होंने कहा:
मिस्टीरियस लाइन हमारी स्मृतियों और जीवन के अनुभवों को सहेजने का एक प्रतीकात्मक माध्यम है। यह पेंटिंग भारतीय संस्कृति और हमारे जीवन के उन तत्वों को दर्शाती है, जो हमारी पहचान को परिभाषित करते हैं।”

भारत के लिए गर्व का क्षण

बुसान इंटरनेशनल आर्ट फेयर जैसे आयोजन भारतीय कलाकारों को वैश्विक मंच पर अपनी कला और संस्कृति को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हैं। यह आयोजन न केवल भारतीय कला की विविधता को प्रदर्शित करता है, बल्कि भारत और कोरिया के बीच सांस्कृतिक और कलात्मक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

यह फेयर कला प्रेमियों और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहकर्ताओं को भारतीय परंपराओं और आधुनिकता के संगम से परिचित करवा रहा है। गोविंद विश्वास जैसे कलाकार अपनी कलाकृतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी समृद्धि को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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