Sarguja express….
अम्बिकापुर। कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ के किसी भी विश्वविद्यालय में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह की शक्ति को क्षीण कर दिया है।
माननीय राज्यपाल ने सरगुजा जिला के संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति की सारी शक्तियों को क्षीण करते हुए नए आदेश आने तक प्रशासनिक पावर अपने हाथों में ले लिया है। छात्र समस्याओं सहित अन्य विवादों को लेकर राज्यपाल ने यह अधिसूचना जारी की है।जब तक संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में नए कुलपति नहीं आते तब तक तत्कालीन कुलपति की शक्ति क्षीण रहेगी।
राज्यपाल कार्यालय से जारी उप-सचिव आर.पी. पाण्डेय के नाम से जारी अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि
संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय,सरगुजा,अंबिकापुर के कार्यकलापों से कुप्रशासन तथा भारी अव्यवस्था है।
विश्वविद्यालय में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक वातावरण का अभाव है।जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विश्वविद्यालय के प्रति विश्वसनीयता में काफी गिरावट आई है।
कुप्रशासन तथा अव्यवस्था को लेकर यतः राज्य सरकार का यह समाधान हो गया है कि ऐसी परिस्थिति निर्मित हो गई है,जिसमें संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय, सरगुजा, अंबिकापुर का प्रशासन, उक्त विश्वविद्यालय के हितों का अपाय किये गये बिना, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 (क्र. 22 सन् 1973) के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता और यह कि ऐसा करना उक्त विश्वविद्यालय के हितों के समीचीन है,अतएव, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 (क्र. 22 सन् 1973) की धारा 52 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद्वारा, यह निर्देशित करती है कि उक्त अधिनियम की धारा 13. 14, 23 से 25, 40, 47, 48, 54 तथा 67 के प्रावधान, तृतीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट किये गये उपान्तरणों के अध्यधीन रहते हुए, इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से उक्त विश्वविद्यालय को तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यह अधिसूचना, प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की कलावधि के लिये प्रवर्तन में रहेंगे।