बतौली। विकास खण्ड के पहले आत्मानंद विद्यालय के 5 क्लास जर्जर भवन में लगती है।इसमें 200 बच्चे पढ़ते हैं। आत्मानंद विद्यालय बतौली में लिए 14 क्लॉस लगते हैं जिसमे से 9 क्लॉस नए भवन में लगती है।बाकी 5 क्लास पुराने भवन में लगाए जाते है।इस भवन में पहले जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित होता था।
10 से 12 वर्ष पहले इस भवन का निर्माण किया गया गया था।निर्माण के समय ही इस भवन में बहुत खामियाँ थी।छत टपकती थी,दीवारों में दरार थी,फर्श टूटे हुए थे।इसे मरम्मत करा कर नवोदय विद्यालय के लिए उपयोग लायक बनाया गया था।बाद में आत्मानंद विद्यालय के 5 क्लॉस इस भवन में लग रही है।
इस भवन के दरवाजे ,खिड़की टूटे हुए हैं।फर्श टूट गया है।दीवारों में दरार बढ़ गए हैं।इस
सत्र में संस्था में 600 बच्चों का दाखिला हुआ है।बच्चों को मई में सभी पुस्तकें उपलब्ध करा दिया गया है।
छात्र इस भवन में अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। आत्मानंद विद्यालय बतौली के नए भवन में 9 कमरों में क्लॉस लगती है।जिसमे से 5 कमरों का उपयोग आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय के उपयोग में आता है।
4 कमरों को हिंदी माध्यम के उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के 9वीं क्लॉस के बच्चो का लगेगा।अभी इन चार कमरों में क्लॉस नही लगती,जब 9वीं के छात्र आ जाएंगे तब क्लॉस लगेगी। आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का समय प्रातः 8:30 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे तक है।जबकि हिंदी।माध्यम विद्यालय का समय प्रातः 10:00 बजे से 4:30 बजे तक स्कूल लगता है।
प्राचार्य राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले साल कुछ मरम्मत कराई गईं थी परन्तु स्थिति ठीक नही है।कभी छत का प्लास्टर गिरने लगता है तो कभी दरवाजे खिड़की टूट जाते हैं।नवीन भवन के 9 कमरों में से 4 कमरे हिंदी माध्यम के लिए दिए गए हैं।अगर इन कमरों का उपयोग भी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के लिए होता तो पुराने भवन की जरूरत नही पड़ती।
पुराने भवन का जीर्णोद्धार करना बहुत जरूरी है,नही तो कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।