Sarguja express….
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बैठक में दिये गये निर्देशों का पालन करने, एक अच्छी कार्य योजना बनाकर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार करने हेतु निर्देशित किया
अंबिकापुर/सरगुजा.. सर्व अशासकीय प्राचार्य / प्रधान पाठक, उ०मा०वि०/ हाई स्कूल / पूर्व मा०शा०/ प्रा०शा० जिला-सरगुजा की बैठक कलेक्टर, सरगुजा की अध्यक्षता में अपरान्ह 2:30 बजे से शासकीय कन्या उ०मा०वि०अम्बिकापुर, सरगुजा के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सरगुजा, सर्व बीईओ, एबीईओ, बीआरसीसी तथा स्वास्थ्य विभाग एवं परिवहन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। सर्वप्रथम जिला शिक्षा अधिकारी, अम्बिकापुर द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि सरगुजा जिले के कुल 80 हजार छात्र/छात्रायें प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत् हैं। तत्पश्चात् कलेक्टर द्वारा सभी प्राइवेट स्कूल के प्राचार्य / प्रबंधकों को कई बिन्दुओं पर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। सर्वप्रथम प्राइवेट स्कूलों में रखे गये वाहन चालकों को नियुक्ति से पहले उनके प्रोफाईल वेरिफिकेशन किये जाने पर जोर दिया गया। कोई भी चालक शराब का सेवन ना करें। अवश्य जांच करायें कि जिन्हें वे वाहन चलाने हेतु रख रहे हैं वे किसी अपराधिक गतिविधि में तो नहीं हैं। अपने विद्यालय के वाहनों का कंडीशन अनिवार्य रूप से चेक करें। यह पूरी तरह से विद्यालय प्रबंधक की जिम्मेदारी है। विद्यालय परिसर के आसपास अपराधिक तत्व का कोई व्यक्ति ना घूमें। यदि इस प्रकार का कोई भी व्यक्ति दिखाई देता तो अनिवार्य रूप से इसकी सूचना प्रशासन को देवें, ताकि किसी प्रकार की किडनेपिंग जैसी दुर्घटना ना होने पावे। यदि विद्यालय से बच्चों को टूर पर लेकर जाते हैं तो अनिवार्य रूप से गाड़ी वेरिफिकेशन करें बच्चों को सुरक्षित लेकर जायें एवं घर पहुंचायें। नये शिक्षकों को नियुक्त करने से पहले अनिवार्य रूप से उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक करें। विद्यालय में प्राइवेसी डिस्टर्ब न करते हुये सीसीटीव्ही लगवायें। किताबों के संबंध में कलेक्टर महोदय द्वारा निर्देश दिये गये कि एनसीईआरटी की पुस्तकें ही विद्यालय में अध्ययन हेतु उपयोग में लावें। आने वाले सत्र में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही उपयोग में लायी जायेंगी। यदि विद्यालय प्रबंधन नये पुस्तकों का उपयोग करते भी हैं तो एनसीईआरटी की पुस्तकों की कीमत से एक रूपये भी अधिक नहीं होनी चाहिए। जरूरी नहीं है कि हर बच्चा एक अच्छे आर्थिक स्तर के परिवार से आता हो अतः वार्षिकउत्सव पर बच्चों पर किसी प्रकार के ड्रेसकोड के लिये प्रेशर ना डालें। बच्चों को गुड टच/बैड टच के बारे में जानकारी देवें। प्रायः प्राइवेट स्कूलों के संबंध में इस प्रकार की शिकायतें आती हैं कि फीस नहीं दिये जाने के कारण टी०सी० रोक दिया जा रहा है। यदि किसी कारणवश कोई बच्चा फीस जमा नहीं कर पा रहा है तो सहानुभूतिपूर्वक
नियमानुसार फीस माफ करने की कार्यवाही करें। इसके पश्चात् परिवहन विभाग के अधिकारी द्वारा प्राइवेट स्कूल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाईडलाइन की जानकारी दी गई एवं उसका पालन करने हेतु निर्देशित किया गया।
डॉ शैलेन्द्र गुप्ता द्वारा नशामुक्ति के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश प्राचार्य एवं प्रबंधकों को दिये गये। इनके द्वारा बताया गया कि किसी भी कार्यालय / शिक्षण संस्थान परिसर के बाहर 200 गज के दायरे तक किसी भी नशीली पदार्थ का बिक्री ना हो।
महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि महिलाओं का लैंगिक शोषण अधिनियम 2013 लागू हुआ है और जितने भी शासकीय/अशासकीय/अर्द्धशासकीय संस्थायें हैं वहां इस अधिनियम के तहत् समिति का गठन किया जाना है। समिति गठित करने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
समाजसेवी एवं पालक श्रीमती शिल्पा पाण्डेय द्वारा बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। इनके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार से काउंसलिंग कर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है ताकि बच्चे किसी प्रकार के गलत कदम ना उठायें। इस संबंध में इनके द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, सरगुजा से कहा गया कि विद्यालय में जाकर इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देने हेतु अनुमति दें।
एल०पी०गुप्ता, प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, सरगुजा की अनुमति से प्राईवेट स्कूलों के मान्यता, आरटीई एवं रिजल्ट सुधार के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश प्राचार्य / प्रबंधक को दिये गये।
जिला मिशन समन्वयक एवं प्रोग्रामर, आरएमएसए द्वारा अपार आईडी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी, सरगुजा द्वारा 03 दिवस में अपार आईडी का कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बैठक में दिये गये निर्देशों का पालन करने, एक अच्छी कार्य योजना बनाकर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार करने हेतु निर्देशित किया गया। सभी पाठ्यक्रम समय पर पूर्ण करने, परीक्षा पूर्व तैयारी, मॉडल एवं अनसॉल्वड पेपर हल कराने संबंधी निर्देश दिये गये। परीक्षाफल पूरे प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ लाने हेतु सभी प्राचार्यों का आह्वान किया गया। अंत में श्री रविशंकर तिवारी, सहायक संचालक द्वारा आभार व्यक्त करते हुये बैठक समाप्त किया गया।

