Sarguja express
अम्बिकापुर। बिजली की दरों में प्रदेश सरकार के द्वारा की गई वृद्धी को पूर्व उपमुख्यमंत्राी श्री टी0एस0 सिंहदेव ने प्रदेशवासियों पर अनैतिक भार बताते हुए इसे सामाजिक न्याय के विरुद्ध बतलाया है। उन्होंने कहा कि कोयला हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और बिजली घरों से निकलने वाला प्रदूषण का भार भी हमपर उसके बावजूद भाजपा सरकार ने अपनी कमियों से निपटने के बजाय प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर बढी हुई बिजली दरों का भार थोप दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश की विद्युत नियामक आयोग ने डेढ साल के भीतर तीसरी बार विद्युत दरों में वृद्धी की घोषणा की है। भाजपा की सरकार बनने के बाद अबतक बिजली की दरों में 80 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धी कर दी गई है। इसके विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ‘बिजली न्याय’ के नाम से चरणबद्ध आन्दोलन की घोषणा कर दी है। इसी सिलसिले में आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस ने प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्राी ने आंकडों के आधार पर यह आरोप लगाया कि जब-जब भाजपा सत्ता में आती है वो बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धी करती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में प्रदेश में बिजली 3.30 रुपय प्रति यूनिट थी। वर्ष 2018 में भाजपा के 15 साल के शासन में यह बढकर 6.40 रुपय प्रति यूनिट हो गया जो लगभग दुगना है। । पिछले डेढ वर्ष में भाजपा की सरकार ने बिजली की कीमतों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धी कर दी है। इसके विपरीत कांग्रेस के शासनकाल में प्रबंधन के बल पर बिजली की कीमतों में प्रारंभ में 20 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई थी। 2018 से 2023 तक कांग्रेस शासनकाल में बिजली दरों में मात्रा 0.2 प्रतिशत की वृद्धी हुई और विद्युत विभाग घाटे से उबरकर मुनाफे में आ गया। उन्होंने कहा कि विद्युत दरों में वृद्धी का कारण कंपनियों को हो रहे घाटे को बताया गया है। इसका विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में यह सरकार का कुप्रबंधन है, जिसके वजह से प्रदेश के आम उपभोक्ताओं पर बढी हुई दरों का भार पडेगा। उनका कहना था कि विद्युत संयत्रों में उप्तादन और परोषण में हो रहे घाटे को तकनीकी दक्षता से निपटा जा सकता है। उन्होंने भाजपा सरकार पर बडा आरोप लगाते हुए कहा कि घाटे की बडी वजह सरकार का अमीरों और उद्योगपतियों के प्रति प्रेम है। उन्होंने कहा कि अमीरों और उद्योगपतियों के उपर बिजली बिल का भारी बकाया है, लेकिन उनसे वसूली करने के बजाय इसका भार प्रदेश के आम लोगों, गरीबों और किसानों पर डाला जा रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, पी0सी0सी0 उपाध्यक्ष श्री जे0पी0श्रीवास्तव, पीसीसी महामंत्री श्री द्वितेन्द्र मिश्रा, पूर्व महापौर डॉ0 अजय तिर्की, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता, इंद्रजीत सिंह धंजल, अनिल सिंह, अनूप मेहता, अशफाक अलि, गुरुप्रीत सिद्धू, नरेंद्र विश्वकर्मा, लोकेश पासवान, जमील खान, आशीष जायसवाल आदि मौजूद थे।
गरीब और किसानो पर भार अमीरों की मौज
प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग के द्वारा विद्युत दरों में की गई एक समान वृद्धी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार राजा और रंक को एक तराजू में तौल रही है। नियामक आयोग ने जो दरें निर्धारित की है उसमें 1 से 100 यूनिट तक खपत करने वाले गरीब व्यक्ति के लिये बिजली की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धी की गई है। वहीं 600 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वाले संपन्न वर्ग के लिये भी 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से वृद्धी की गई है। इसी प्रकार से किसानो के लिये बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धी कर दी गई है। सरकार की ये निति आमजन, गरीब और किसान विरोधी है। सरकार को यह वृद्धी वापस लेकर बिजली क्षेत्रा में अपने कुप्रबंधन को समाप्त कर घाटे से उबरने का रास्ता तलाशना चाहिये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय प्रदेश के आम नागरिकों को 3240 करोड रुपय की सब्सीडी दी गई थी। बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट मुफ्त बिजली दी गई थी। किसानो को 5 एचपी पंप के लिये मुफ्त बिजली दी गई। अस्पतालों और उद्योगों को भी बिजली में छूट दी गई थी उसके बावजूद विद्युत विभाग मुनाफे में थी और हमने 5 सालों में आमजन पर विद्युत दरों में वृद्धी का बोझ नहीं डाला था।
विद्युत दरों में वृद्धी के बावजूद विद्युत परियोजनाएं ठप्प
सरगुजा जिला विशेष तौर पर अम्बिकापुर शहर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद विद्युत दरों में 13 प्रतिशत की वृद्धी तो कर दी गई है लेकिन इस क्षेत्रा में आधारभूत संरचना का काम ठप है। इसकी वजह से सरगुजा जिला सहित पूरा शहर विगत डेढ वर्ष से अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि अम्बिकापुर शहर में 2 विद्युत सब स्टेशन के साथ ही लखनपुर में 1 सबस्टेशन की स्वीकृति उनके कार्यकाल में हुई थी। इनका शिलान्यास हो गया था। लेकिन आजतक ये परियोजनाएं प्रारंभ नहीं हो पाई जबकि इनका दुबारा शिलान्यास प्रधानमंत्राी से डबल इंजन की सरकार ने करवा लिया था। डेढ वर्ष में सरकार ने आमजन से बढी हुई बिजली दर की वसूली तो की है लेकिन सुविधाओं में गिरावट ही आई है। स्थिति यह है कि विद्युत विभाग की झूलती तारों के कारण आम नागरिक अब अपनी जान भी गंवा रहे हैं।
16 जुलाई से 22 जुलाई तक विद्युत कार्यालयों का घेराव करेगी कांग्रेस
विद्युत दरों में वृद्धी के विरोध में होने वाले चरणबद्ध आन्दोलन के तहत कांग्रेस 16 जूलाई से 22 जुलाई तक विद्युत कार्यालयों का घेराव करेगी। ब्लॉंक कांग्रेस कमेटी दिनांक 16, 17 और 18 जुलाई को ई.ई.,जे.ई एवं ए.ई. कार्यालय का घेराव करेंगी। 22 जुलाई को जिला मुख्यालय में विद्युत कार्यालय का घेराव किया जायेगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस लोकतांत्रिक ढंग से सरकार पर कीमतों में की
गई वृद्धी को वापस लेने का दबाव बनायेगी।