15 November 2025
पुलिस अभिरक्षा में मौत का मामला…. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के साथ परिजन पहुँचे आईजी कार्यालय….सड़क पर बैठकर की नारेबाजी… आईजी ने कहा मामले में न्यायिक जांच की जा रही
आयोजन क्राइम जांच प्रतिक्रिया बड़ी खबर मांग राज्य विरोध

पुलिस अभिरक्षा में मौत का मामला…. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के साथ परिजन पहुँचे आईजी कार्यालय….सड़क पर बैठकर की नारेबाजी… आईजी ने कहा मामले में न्यायिक जांच की जा रही

Sarguja express…

अंबिकापुर.  बलरामपुर के दहेजवार चौक स्थित धनंजय ज्वेलर्स में चोरी के एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से उसकी मौत का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि शव का पीएम दोबारा कराया जाए। दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए तथा उन्हें 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले को लेकर मृतक के परिजन पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के साथ आईजी से मिलने पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपनी 3 मांगें रखीं। इस पर आईजी ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच हो रही है। पुलिसकर्मियों पर जांच के बाद कार्रवाई होगी।

दरअसल, बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात 3.50 लाख रुपए कैश और 50 लाख रुपए से अधिक के जेवरात चोरी हो गए थे। चोरी के आरोप में सीतापुर इलाके के 9 आरोपियों को पकड़ा था। 6 जून को बतौली थाना क्षेत्र के गांव बैलकोटा से पकड़े गए उमेश सिंह (19) की पुलिस हिरासत में गत रविवार को मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया है।
परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का यह दावा किया गया है कि
उमेश सिंह पहले से बीमार था। 9 नवंबर की सुबह करीब 4.20 पर तबीयत बिगड़ने पर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने पुलिस के दावों को झूठा बताते हुए कहा कि उमेश सिंह को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। 6 नवंबर को सादी वर्दी में पहुंचे लोगों ने उमेश सिंह को पकड़ा था और उसी समय बेदम मारा था। उसके नाक-मुंह से खून निकल रहा था। उसे क्राइम ब्रांच के जवान जो सादी वर्दी में थे, मारते हुए बलरामपुर लेकर गए थे। पुलिस कस्टडी में मारपीट के कारण उमेश की जान गई है।

मामले मे दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन मंगलवार को पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के निवास पहुंचे थे. वहां से चर्चा के उपरांत पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के साथ परिजन पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पहुंचे. इस दौरान कई समाज सेवी भी मौके पर पहुंचे हुए थे. कार्यालय के सामने भारी संख्या में पुलिस बल ने उन्हें अंदर जाने से रोका. इस दौरान आक्रोशित लोग सड़क पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की. करीब आधे घंटे के बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया. काफी देर पुलिस महानिरीक्षक से चर्चा की गई. पुलिस महानिरीक्षक ने जानकारी दी कि मामले में न्यायिक जांच की जा रही है. उन्होंने बताया के उक्त व्यक्ति का पोस्टमार्टम के दौरान फोटोग्राफी भी कराई गई थी. परिजनों का जो भी आरोप है उसे लेकर भी जांच की जा रही है.

पूर्व मंत्री बोले- मामला काफी संवेदनशील

इस मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि आईजी ने इस मामले में न्यायिक जांच प्रक्रिया में होने की बात कही है। जबकि परिजन बलरामपुर या रामानुजगंज में अपना बयान दर्ज कराने नहीं जाना चाहते। उनकी मांग है कि मजिस्ट्रेट अंबिकापुर आकर उनका बयान दर्ज करें। उन्होंने कहा कि मामला काफी संवेदनशील है। मजिस्ट्रेट द्वारा उनकी ये मांग मानी जाती है या नहीं, यह उनके ऊपर है।

चल रही न्यायिक जांच
मामले में आईजी दीपक झा का कहना है कि मृतक के परिजन आए थे। मांग का उल्लेख करते हुए आवेदन दिया है। हमने कहा कि वर्तमान न्यायिक जांच हो रही है। उनके माध्यम से ही नियमत: होगा। जहां तक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात है तो हम जांच के बाद करेंगे। हमने उन्हें कहा है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जाकर अपनी बात रखें। बॉडी हमने बलरामपुर जिले में ही सुरक्षित मरच्यूरी में रखवाया है। परिजनों से कहा गया है कि बॉडी को 72 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, उसका आप अंतिम संस्कार करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *