27 June 2025
पीड़ितों कों न्याय दिलाने में वरिष्ठ आरक्षक भी अपनी भूमिका का करेंगे निर्वहन
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पीड़ितों कों न्याय दिलाने में वरिष्ठ आरक्षक भी अपनी भूमिका का करेंगे निर्वहन

Sarguja express …..

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने वरिष्ठ आरक्षकों कों दिए विवेचना के गुर

अम्बिकापुर । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे वरिष्ठ आरक्षक जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, उन्हें भारतीय न्याय संहिता 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लिखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 के अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं, अधिसूचना के अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.)के दिशा निर्देशन में जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों कों अन्वेषण का महत्वपूर्ण दायित्व प्रदान करने के क्रम मे जिले के वरिष्ठ आरक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष मे आयोजित की गई, प्रथम चरण में 20 वरिष्ठ आरक्षकों कों उक्त प्रशिक्षण प्रदान किया गया, प्रशिक्षण कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को उक्त अपराधों के अन्वेषण हेतु आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था।

प्रशिक्षण कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के वरिष्ठ आरक्षकों कों अपराध विवेचना के सम्बन्ध में बारिकी तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा कि शासन के निर्देशानुसार वरिष्ठ आरक्षकों कों अपराध विवेचना का कार्य सौपा गया हैं, इसी क्रम में सभी वरिष्ठ आरक्षकों कों प्रशिक्षण प्रदान किया जाना हैं, वरिष्ठ आरक्षक पूर्व से थाना/चौकी स्तर पर विवेचना में सहयोगी की भूमिका का निर्वहन करते आ रहे हैं, अब वरिष्ठ आरक्षकों द्वारा चिन्हांकित अपराधों के विवेचना स्वयं किया जाना होगा इसलिए अपराध विवेचना का बारिकी ज्ञान होना आवश्यक हैं, आप सभी प्रशिक्षण कार्यशाला से विवेचना के बारीकी तथ्यों कों सीखे एवं आगामी दिनों में इन बारीकी तथ्यों का विवेचना में पालन करना सुनिश्चित करें।

प्रशिक्षण कार्यशाला में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी राजेश सिंह द्वारा वरिष्ठ आरक्षकों कों अपराध विवेचना हेतु अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध तथा अध्याय 6, जिसमें मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध, अध्याय 11, जिसमें लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध एवं अध्याय 12, जिसमें लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध, अध्याय 13 जिसमें लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान एवं अध्याय 14 जिसमें मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध, अध्याय 15 जिसमें लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों एवं अध्याय 17, जिसमें संपत्ति के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख हैं की जानकारी दी गई, इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को इन अपराधों की जटिलताओं को समझने और विवेचना के दौरान प्रभावी निर्णय लेने के लिए तैयार करना था।
प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजेश सिंह, रीडर सहायक उप निरीक्षक अमित पाण्डेय, शहरी थाना/ चौकियो मे पदस्थ 20 वरिष्ठ आरक्षक/महिला आरक्षक शामिल रहे।

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