अम्बिकापुर।नगर के संत गहिरा गुरु आश्रम में शनिवार की रात आदिवासी उरांव समाज मणिपुर भाथुपारा के द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी करमा पर्व का बृहद आयोजन किया गया। आचार संहिता के नियमों को ध्यान में रखते हुए आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी उरांव समाज के लोगों द्वारा पारंपरिक पूजार्चना कर करमा नृत्य उत्साह पूर्ण ढंग से किया गया।
उरांव आदिवासी समाज के लोग संत गहिरा गुरु आश्रम में शाम होने के बाद से ही इकट्ठा होना शुरू हो गए थे।
पहले तो करम डाल काटकर उसे नाचते गाते हुए उत्सव के रूप में कार्यक्रम स्थल पर लाया गया था। उसके बाद पूजा अर्चना करते हुए करमा पर्व धूमधाम से मनाया गया। पारंपरिक गानों एवं पारंपरिक वेशभूषा में समाज के सभी लोग नजर आए। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पूरे उत्साह के साथ करमा नृत्य एवं गान किए।
इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष उमेश्वर प्रजापति द्वारा समाज के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि करमा नृत्य उरांव आदिवासी समाज के जीवन का अभिन्न अंग है। करमा का यह त्यौहार खुशियों के साथ साथ भाई बहनों के बीच प्यार, मेल मिलाप, एकता एवं भाईचारा का संदेश देने वाला त्यौहार है। इसके साथ-साथ करमा पर्व धर्म के साथ-साथ सभी कर्म करने का संदेश देता है। करमा महोत्सव में आदिवासी उरांव समाज के सदस्यों ने शामिल होकर सांस्कृतिक एकता का परिचय दिया। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष उमेश्वर प्रजापति, उपाध्यक्ष बनाफर राम केरकेट्टा, कोषाध्यक्ष सुनील मिंज, सचिव अमित केरकेट्टा, विष्णु प्रजापति, हरिशंकर प्रजापति,सालिम सहित समाज के विभिन्न पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।