
Sarguja express…..
प्रतापपुर। प्रतापपुर स्वास्थ्य सुविधा की बदहाली पर कल जो तस्वीर सामने आई जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी थी। एंबुलेंस न मिलने पर झेलगी में 25 किलोमीटर तक ढोकर कोडाकू मरीज को परिजन ने प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया था। उस अमानवीय दृश्य ने शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया था।
लेकिन अब इस घटना ने एक नया और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। बताया जा रहा है कि आज सुबह करीब 9 बजे बिना किसी सूचना दिए मरीज के परिजन अस्पताल से उसे लेकर भाग गए। इस तरह अचानक मरीज को अस्पताल से बाहर ले जाना, गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, परिजनों का आरोप है कि मरीज को अस्पताल में न तो उचित इलाज मिल रहा था और न ही सही देखरेख। इसी वजह से उन्होंने मजबूरी में उसे अस्पताल से हटा लिया। सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा तेजी से फैल रही है कि अगर अस्पताल में ही सही इलाज न मिले तो आखिर गरीब आदिवासी कहाँ जाए?
मरीज के अचानक गायब होने की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। मामले की पुष्टि करते हुए एसडीएम ने गहन जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
एसडीएम ने अस्पताल प्रबंधन को लगाई फटकार
इस विषय में एसडीएम ललिता भगत ने बताया कि सूरजपुर कलेक्टर के दिशा निर्देश पर मामला के गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कोडाकू जाति के ग्रामीणों को देखने के लिए एवं सही उपचार के लिए दिशा निर्देश देने एवं अच्छा से अच्छा इलाज हुई इसके लिए मैं गई थी मगर वहां जाकर पता चला कि वह लोग बिना बताए शायद झारखंड के चक्कर में अस्पताल से सुबह चले गए.जिसकी खबर किसी को भी नहीं लगी. एसडीएम ने कहा कि इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई और लापरवाही वा सही देखरेख नहीं होने के कारण इस तरह का लापरवाही सामने आया है जिसकी जानकारी कलेक्टर को भी अवगत करा दिया गया है और किसकी किसकी ड्यूटी थी यह जानकारी ली जा रही है इतना बड़ा गंभीर मामला होने के बाद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लापरवाही बरतना बिल्कुल गलत है। एसडीएम ने बताया कि उक्त लोगों को काफी खोजबीन कराया गया अंतिम लोकेशन उनका बस स्टैंड की ओर मिला, सात तौर पर जाहिर है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर की लापरवाही उजागर हुई है।
मामले में होगी कार्रवाई-सीएमओ
इस विषय में सीएमओ जिला चिकित्सालय अधिकारी कपिल पैकरा ने ने कहा कि अब तो बिल्कुल हद हो गई इलाज के लिए ले गए कोडाकू जनजाति के लोगों को सही उपचार भर्ती कर जानकारी देनी थी मगर ऐसी क्या बात हुई जिसके वजह से वह अस्पताल से बिना बताए सुबह चले गए किसका किसका ड्यूटी है कौन-कौन और क्या इलाज हुआ इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जांच की टीम गठित कर दी गई है। मामले में बड़ी कार्यवाही होगी.

