अंबिकापुर। सरगुजा संभाग के 385 शिक्षकों के पोस्टिंग के लिए जारी संशोधन आदेश क़ो सरकार ने निरस्त कर दिया हैं लेकिन सरगुजा में जेडी दफ़्तर के एक बाबू ने 100 से अधिक शिक्षकों से लाखों रुपये की अवैध उगाही कर फर्जी आदेश जारी किया हुआ है। अब वे शिक्षक अब इस बात क़ो लेकर परेशान हैं कि वे क्या करें क्योंकि संशोधन आदेश जो निरस्त किया जा रहा है उसकी सूची में उनका नाम नहीं है। वहीं उन्हें डर सता रहा है कि भविष्य में ज़ब इस खेल के बारे में पता चलेगा तों किसके खिलाफ कार्यवाही होगी, वहीं जेडी का फर्जी हस्ताक्षर होने के कारण शिक्षक भी इसकी शिकायत अब तक नहीं कर सकें हैं। जेडी का फर्जी डिजिटल साइन कर संशोधन आदेश जारी करने वाला लिपिक इससे पहले राजपुर ब्लाक के बीईओ आफिस में बाबू रह चुका है। उसने राजपुर ब्लाक के ही 25 से अधिक शिक्षकों का फर्जी संशोधन आदेश जारी किया हुआ है। इसके एवज में शिक्षकों से डेढ़ डेढ़ लाख यानि 100 शिक्षकों से 1.5 करोड़ की अवैध उगाही किया गया है। वहीं ज़ब नियमविरुद्ध संशोधन आदेश जारी करने की जांच सरगुजा आयुक्त ने शुरू किया तब संयुक्त संचालक शिक्षा के दफ़्तर से 385 शिक्षकों के आदेश से संबधित दस्तावेज ही जब्त किया गया था और उसी के आधार पर जांच रिपोर्ट बनी लेकिन जेडी क़ो अंधेरें में रखकर बाबू ने जो आदेश उनके फर्जी हस्ताक्षर से जारी किया गया उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
इन शिक्षकों का नाम संशोधन आदेश की सूची में नहीं
राजपुर ब्लाक के अजीत कुमार यादव, विनोद कुमार यादव, प्रदीप कुमार सिंह, ललित भगत, जयंती यादव प्रफुल लकड़ा, श्याम सुन्दर साहूसहित कई शिक्षक हैं जिन्हे पदोन्नति मिला, इसके बाद संशोधन आदेश जारी कर पोस्टिंग दिया गया लेकिन इनका नाम भी 385 शिक्षकों की सूची में नहीं है।
आवक जावक रजिस्टर में दर्ज नहीं जारी फर्जी आदेश
पड़ताल में सामने आया है कि जेडी दफ्तर के बाबू ने ज़ब मोटा रकम लेकर जो संशोधन आदेश जारी किया तब आदेश पत्र क़ो आवक जावक रजिस्टर में भी दर्ज नहीं किया है ताकि गड़बड़ी पकड़ में न आए। वहीं अब जो संशोधन आदेश निरस्त करने आदेश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि जिनका नाम संशोधित आदेश की सूची में नहीं है, उनका आदेश भी निरस्त माना जायेगा।
डीईने भी जारी किया संशोधन आदेश लेकिन नहीं हुआ निरस्त
जेडी दफ़्तर से संशोधन आदेश जारी होने के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भी सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक बनने वालों की पोस्टिंग में संशोधन आदेश हुआ है लेकिन डीईओ द्वारा जारी आदेश क़ो निरस्त नहीं किया गया जबकि यहां भी जेडी दफ़्तर की तरह गड़बड़ी हुई है और इसके एवज में यहां भी 20-50 हजार लिए जाने की बात सामने आ रही है।
ये तो जांच का विषय है
सस्पेंड जेडी हेमंत उपाध्यक्ष ने बताया कि 385 शिक्षकों का संशोधित आदेश हुआ था इसके अलावा और शिक्षकों का संशोधित आदेश कैसे हुआ, मुझे नहीं पता है। जांच का विषय है।