22 November 2024
जिला को क्षय मुक्त बनाने के संदर्भ में डोर टू डोर सर्वे… एक दिन में 671 घरों का विजिट, टोटल 155 टीबी के संभावित मरीज मिले
जांच राज्य स्वास्थ

जिला को क्षय मुक्त बनाने के संदर्भ में डोर टू डोर सर्वे… एक दिन में 671 घरों का विजिट, टोटल 155 टीबी के संभावित मरीज मिले

अम्बिकापुर।लखनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत गोरता, गणेशपुर में जिला क्षय अधिकारी के मार्गदर्शन में लगातार सरगुजा जिले के पंचायत को टीबी फ्री पंचायत बनाये जाने हेतु सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है।

इस हेतु जिला कार्यक्रम समनवक बनवासी यादव सर के द्वारा कार्योजन तैयार कर टीम को गठिक कर जिले के प्रमुख कर्मचारि, पीरामल फाउंडेशन, आईसीएमआर द्वारा सरगुजा जिले के अन्य विभागों के समन्वय से डोर टू डोर जाकर टीबी की जांच और उपचार किया जा रहा है। साथ ही टीबी का संदेश व जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है। जांच के दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज को निशुल्क स्वास्थ्य उपचार, और निशुल्क दवाई चालू कराई जाएगी। साथ ही मरीज का दवाई चालू होने के पश्चात् निश्चय पोषण योजना के तहत मरीज के बैंक खाते में 500 रूपये के रूप में 6 महिने तक 3000 रूपये की राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त मरीज को प्रथम उपचार हेतु स्वास्थ्य केंद्र आने जाने के लिए यात्रा भत्ता के रूप में 750 रूपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। आज के सर्वे कार्य में टोटल जनसंख्या 3776 की गई। जिसमे 671 घरों का विजिट किया गया, टोटल 155 टीबी के संभावित मरीज पाए गए। जिसमें 119 एक्सरे किया गया। इस खोज में जिला क्षय विभाग से सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर सुमन एक्का सर, सीनियर लेब्ट्री सुपरवाईजर उषा खुटले, काउन्सलर अरुणा टोप्पो और टीबी मितान घनश्याम सोनी, अमित राजवाड़े, कृष्णा, राहुल प्रजापति उपस्थित थे। साथ ही आईसीएमआर टीम से डॉ. कनक त्रिपाठी, सुश्री शशिकला, रोहित चतुर्वेदी, विक्रम चतुर्वेदी के द्वारा संभावित टीबी मरीजों का एक्सरे किया गया।
साथ ही पीरामल फाउंडेशन जिला कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र कुमार तिवारी और जिला कार्यक्रम समन्वयक सुश्री सरस्वती विश्वकर्मा जी के द्वारा जिले के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी मंचो पर जाकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है साथ ही संभावित टीबी मरीजों की खोज कर जांच हेतु स्वास्थ्य केंद्र भेजने का कार्य किया जा रहा है। इस सर्वे कार्य में स्वास्थ्य विभाग से सीएचओ सुश्री अनीता, आरएचओ सुशील शर्मा, सरपंच श्री पंच राम, और मितानिन दीदियों का भरपूर सहयोग रहा।

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