4 August 2025
छत्तीसगढ़ में अब 100 यूनिट तक ही मिलेगा हाफ बिजली बिल योजना का लाभ….400 यूनिट की लिमिट खत्म; कांग्रेस बोली-साय सरकार ने राहत छीन ली…
राजनीति प्रतिक्रिया बड़ी खबर राज्य विरोध

छत्तीसगढ़ में अब 100 यूनिट तक ही मिलेगा हाफ बिजली बिल योजना का लाभ….400 यूनिट की लिमिट खत्म; कांग्रेस बोली-साय सरकार ने राहत छीन ली…

…..जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, पीसीसी उपाध्यक्ष जे पी श्रीवास्तव, निगम के पूर्व सभापति अजय अग्रवाल, निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा एवं पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने किया संयुक्त बयान जारी

……पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि पहले स्मार्ट मीटर से बिल बढ़ाया सांय सांय, अब बिजली बिल हाफ योजना ही गई बाय बाय

Sarguja express

अंबिकापुर….. छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने  कांग्रेस की सरकार के द्वारा लागू की गई बिजली बिल हाफ योजना को समाप्त करने की तैयारी कर ली है। 1 अगस्त से बिजली बिल हाफ योजना को समाप्त कर दिया गया है। डेढ़ वर्ष के शासन काल मे बिजली की दरों में प्रति यूनिट 80 पैसे की वृद्धि करने वाली राज्य की भाजपा सरकार ने महंगाई से जूझती प्रदेश की आम जनता पर एक और प्रहार किया है। ऊर्जा विभाग ने 3 अगस्त को अवकाश के दिन इन योजनाओं के समाप्ति के आदेश जारी किया है। कांग्रेस शासन में लागू हुई बिजली बिल हाफ योजना में 400 यूनिट तक के बिजली खपत पर बिजली बिल हाफ हो जाता था। इससे उपभोक्ताओं को बिल में औसतन 1000₹ तक कि छूट प्राप्त हो जाती थी। कांग्रेस की बिजली बिल हाफ योजना में ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि 400 यूनिट से अधिक खपत होने पर बिजली बिल हाफ योजना का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन प्रदेश की साय सरकार ने 400 यूनिट की सीमा को कम करते हुए उसे 100 यूनिट कर दिया है और साथ ही उसमें यह शर्त भी जोड़ दिया है कि 100 यूनिट से अधिक खपत होती है तो किसी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी। अर्थात अगर कोई उपभोक्ता महीने का 101 यूनिट बिजली खर्च कर ले तो उसको छूट का लाभ नहीं मिलेगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने जब ऊर्जा विभाग का प्रभार प्राप्त किया था तब उन्होंने बिजली बिल हाफ योजना को और विस्तार देते हुए जनहित में यह सुविधा उपलब्ध कराई थी कि उपभोक्ता यदि 6 माह तक भी बिजली बिल का भुगतान आर्थिक कठिनाइयों के कारण नहीं कर पा रहा है तो उसे 6 माह तक बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिलता रहेगा। भाजपा सरकार के इस जनविरोधी फैसले पर टिप्पणी करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार बिजली क्षेत्र में व्यापारिक हित को प्राथमिकता देते हुए जनाकांक्षाओं के विपरीत कार्य कर रही है। बिजली की कीमतों में वृद्धि, स्मार्ट मीटर लगाना, बिजली बिल हाफ योजना की समाप्ति ऐसे कदम हैं जो बतला रहे हैं कि किसी व्यापारिक हित के लिए विद्युत वितरण को निजी हाथ में सौपने की तैयारी है। छत्तीसगढ़ के संसाधन जिनपर छत्तीसगढ़ के आम आदमी का हक है का उपयोग कर छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली पैदा कर रहा है और यहाँ के निवासियों को सरकार एक तरफ सुविधाएं मुहैया नहीं कर पा रही है और दूसरी ओर कीमतों में वृद्धि कर उनपर महंगाई का बोझ लाद रही है। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि पहले स्मार्ट मीटर से बिल बढ़ाया सांय सांय, अब बिजली बिल हाफ योजना ही गई बाय बाय। उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार में ऊर्जा विभाग ने आम आदमी को बिजली बिल में राहत पहुंचाकर भी मुनाफ़ा कमाया, लेकिन मौजूदा सरकार एक ओर आम आदमी की जेब काट रही है, वहीं दूसरी ओर नागरिक सुविधाओं में कटौती हो रही है।जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, पीसीसी उपाध्यक्ष जे पी श्रीवास्तव, निगम के पूर्व सभापति अजय अग्रवाल, निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा एवं पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि जनहित के नाम पर छत्तीसगढ़ की सत्ता को हासिल करने वाली भाजपा पिछले 19 महीने में लगातार जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है। विद्युत दरों में बढ़ोतरी, स्मार्ट मीटर परियोजना और बिजली बिल हाफ योजना की समाप्ति बतलाती है कि सरकार को प्रदेश के आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। सत्ता ग्रहण करने के साथ ही सरकार एक व्यापारिक घराने के हित को साधने में लगी हुई है। बिजली के क्षेत्र में सरकार का रवैया देख  लगता है कि उसी व्यवसायी को छत्तीसगढ़ में विद्युत वितरण सौंपने की तैयारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *