अम्बिकापुर ।छत्तीसगढ़ प्रदेश सुंडी समाज के द्वारा पिछले दिनों एक प्रदेश स्तरीय बैठक की गई और इस बैठक में बहुत सारे निर्णय के साथ एक निर्णय यह भी लिया गया कि असमय मौत,आकस्मिक मृत्यु होने पर समाज के द्वारा फिजूल खर्ची रोकने हेतु सामाजिक भोज का पूरी तरह से रोक होना चाहिए , ऐसा आह्वान कर निवेदन किया गया है।
सर्व समिति से लिए गए इस निर्णय के परिपेक्ष में प्रदेश अध्यक्ष श्री शिव रतन गुप्ता जी के द्वारा एक पत्र जारी करके छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिला अध्यक्ष को यह पत्र लिखकर निवेदन किया गया है।
सर्व विदित है कि पूर्वजों द्वारा बनाई गई रीति रिवाज परंपराओं में कुछ परंपरा में आज के समय में सुधार लाने की आवश्यकता है, जैसे किसी परिवार में अकाल, आकस्मिक मृत्यु होने पर आयोजित मृत्युभोज एक परंपरा है, ऐसी स्थिति में शोक संतप्त परिवार पहले ही दुख में गिरा रहता है, फिर उसे भोज भी करना पड़ता है।ऐसे में वह अपनी ओर से इन कुरीतियों को केवल ढोने का कार्य करता है। इस विषय पर सर्वसम्मति से बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया हैं कि सामाजिक भोज की जगह पर हम श्रद्धांजलि सभा कर सकते हैं, इस तरह का कार्य आज समाज के बहुत सारे लोगों द्वारा किया जा रहा है । सुंडी समाज छत्तीसगढ़ के द्वारा अपने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जरूरत पड़ने पर 11001 (इग्यारह हजार एक रुपए )का सहयोग भी करेगी ।
सामाजिक क्षेत्र में हमेशा सार्थक कार्य करने के कारण सुंडी समाज को एक आदर्श समाज के रूप में देखा जाता है। उसी कड़ी में यह निर्णय प्रशंसनीय है।