Sarguja express
रामानुजगंज । गम्हरिया संग्रहण केंद्र में खुले आसमान के नीचे 1 लाख 10 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है वही जिस धीमी रफ्तार से धान का उठाव हो रहा है ऐसे में महीनों लगेंगे धान पूरा उठने में। जिससे धान के मूसलाधार बारिश से खराब होने का भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्टेक के धान अंकुरित भी हो जा रहे हैं।
गौरतलब है कि गम्हरिया संग्रहण केंद्र में 2 लाख 25 हजार क्विंटल धान का संग्रहण किया गया था जिसमें अभी करीब 50% धान का ही उठाव हो सका है। खुले आसमान के नीचे अभी भी 1 लाख 10 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है। जिसके लिए अभी 90 स्टेक लगे हुए हैं। धान का उठाव बहुत धीमी गति से हो रहा है जिससे अभी धान के पूरा खत्म होने में महीना लगेंगे ऐसे में बरसात के समय धान के खराब होने का खतरा हमेशा मंडराता रहेगा। कई स्टेके के धान अंकुरित भी हो गए थे। जब-जब मूसलाधार बारिश होती है तब तक तिरपाल से धान ढके होने के बाद भी धान को आंधी तूफान में तिरपाल फटने से नुकसान हो रहा है।
कीचड़ मे फंस रही ट्रक,उठाव में हो रही है परेशानी
खुले आसमान के नीचे तिरपाल से ढककर धान रखा हुआ है। मूसलाधार बारिश से धान रखे गए पूरे परिसर में कीचड़ हो जा रहा है जिससे ट्रकों का आना-जाना बहुत मुश्किल हो जा रहा है कई बार ट्रक के फस जा रहे है जिसे जेसीबी मशीन से निकाला जा रहा है।
बरसात के पूर्व हो जाना चाहिए था धान का उठाव
खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है वहीं धान उठाव की स्थिति अत्यंत धीमी है ऐसे में महीनो लगेंगे धान उठाने में जो धन बरसात के पूर्व उठ जाना चाहिए था बरसात के समय भी नहीं उठ पा रहा है। ऐसे में धान के अंकुरित होने का खतरा मंडराने लगा है।