21 November 2024
कोच ने व्यवस्था कर बनाया खेल मैदान… करवाई प्रैक्टिस..अब अंबिकापुर की शिवानी फिर इंटरनेशनल लेवल पर छकाएगी विदेशी खिलाड़ियों को …थाईलैंड एशियन चैंपियनशिप मिनी गोल्फ में छत्तीसगढ़ से एकमात्र शिवानी सोनी भारत की टीम में शामिल
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कोच ने व्यवस्था कर बनाया खेल मैदान… करवाई प्रैक्टिस..अब अंबिकापुर की शिवानी फिर इंटरनेशनल लेवल पर छकाएगी विदेशी खिलाड़ियों को …थाईलैंड एशियन चैंपियनशिप मिनी गोल्फ में छत्तीसगढ़ से एकमात्र शिवानी सोनी भारत की टीम में शामिल

Sarguja express special….

अंबिकापुर। शहर के ब्रम्ह रोड में रहने वाली शिवानी सोनी थाईलैंड में होने वाले एशियन चैंपियनशिप मिनी गोल्फ में विदेशी टीमों को छकाएगी। छत्तीसगढ़ से अकेले सिर्फ शिवानी का चयन भारत की सीनियर टीम में हुआ है। 8 से 13 अक्टूबर तक आयोजित एशियन चैंपियनशिप में भारत के अलावा ब्राज़ील, साउथ कोरिया, चाइना ,ईरान, जापान, मलेशिया, सिंगापुर,  मंगोलिया सहित 16 देश के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।

बता दें कि शिवानी सोनी ने पहले भी कई बार अपने उत्कृष्ट खेल से बेटियों का नाम ऊंचा किया है. शिवानी मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में भारत से स्वीडन भी गई थी. वहां आयोजित प्रतियोगिता में शिवानी ने दुनियाभर में 7वां स्थान पाया। गोल्फ प्रतियोगिता में वर्ल्ड से 11 टीमें आई थी. जिसमे भारत की वूमेन टीम का 7 वां रैंक रहा था। इसके अलावा 2019 में चाइना के मिनी गोल्फ वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की वूमेंस टीम का नया रैंक था।
2 साल पहले ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी राजस्थान में सिंगल स्ट्रोक इवेंट में शिवानी ने गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके साथ-साथ ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में बेस्ट प्लेयर का अवार्ड हासिल किया। एक बड़ी उपलब्धि शिवानी के लिए यह भी है कि उसे राजस्थान में एकलव्य बेस्ट इंटरनेशनल प्लेयर अवॉर्ड भी प्रदान किया जा चुका है। बता दे की हर 10 साल में यह अवार्ड किसी खिलाड़ी को प्रदान होता है। अभी तक शिवानी छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी खिलाड़ी है जिन्हें यह अवार्ड मिल चुका है।


इंटरनेशनल लेवल का मैदान होता तो और भी खिलाड़ियों को मिलती मदद

स्थानीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने बास्केटबॉल ग्राउंड में ही मिनी गोल्फ की व्यवस्था करके शिवानी को कोचिंग दी। इंटरनेशनल लेवल के जो मैदान होते हैं उसकी प्रेक्टिस से दूर शिवानी ने कोच के साथ जैसी व्यवस्था हुई वैसे में ही अपनी प्रैक्टिस आज तक जारी रखी है। शिवानी का कहना है कि इंटरनेशनल मैदान होने से उसमें खेलने का एक्सपीरियंस बना रहता। इसके साथ-साथ मिनी गोल्फ के कई अन्य खिलाड़ियों को भी इंटरनेशनल लेवल जैसी मदद मिल सकती थी।

 

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