18 October 2024
कृषि उत्पादन आयुक्त छ.ग. शासन ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा का भ्रमण..
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कृषि उत्पादन आयुक्त छ.ग. शासन ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा का भ्रमण..

कृषि उत्पादन आयुक्त छ.ग. शासन ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा का भ्रमण..

अम्बिकापुर।कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा निदेशक विस्तार सेवायें डॉ. एस. एस. टूटेजा के मार्गदर्शन में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा में आज दिनांक 04.10.2024 को कृषि उत्पादन आयुक्त छ.ग. शासन, श्रीमती शहला निगार द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा के प्रक्षेत्र में संचालित विभिन्न इकाईयों का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान सारांश मित्तर, विशेष सचिव कृषि एवं कृषि संचालक (छ.ग.), विलास भोसकर, कलेक्टर, जिला- अम्बिकापुर, जी. के. निर्माम, रजिस्ट्रार, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, राजेश राठौर, प्रबंध निदेशक, बीज निगम, यशवंत सिंह केराम, संयुक्त संचालक कृषि, सरगुजा संभाग, विकास मिश्रा, उप-सचिव, कृषि मंत्रालय, रायपुर, डॉ. एस. के. सिन्हा, अधिष्ठाता, राजमोहिनी देवी कृषि महा. एवं अनुसंधान केन्द्र, अम्बिकापुर, जी. पी. पैकरा, अधिष्ठाता, कृषि महा. एवं अनुसंधान केन्द्र, शंकरगढ़, श्री पी. एस. दीवान, उप-संचालक कृषि जिला- अम्बिकापुर, सुश्री उमा, सहायक संचालक, कृषक प्रशिक्षण केन्द्र, जिला- अम्बिकापुर सम्मिलित थे।
कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजेश चौकसे द्वारा सर्वप्रथम जैविक खेती अंतर्गत संचालित केंचुआ खाद उत्पादन इकाई, अजोला उत्पादन इकाई तथा गोबर खाद उत्पादन की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। इसके बाद प्राकृतिक खेती इकाई जिसमें फसल उत्पादन को बढ़ाने तथा भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता के साथ-साथ भूमि में सुक्ष्मजीवों की क्रियाशीलता को बनाये रखने के उददेश्य से बनाये जाने वाला उत्पाद जैसेः बीजामृत, जीवामृत व घनजीवामृत तथा फसल सुरक्षा के लिए तैयार निमास्त्र, ब्रहमास्त्र, सतपर्णी अर्क, दसपर्णी अर्क तथा प्राकृतिक संसाधनों से तैयार किये जाने वाले फफंुदनाशक का विश्लेषणात्मक चर्चा की गई। इसके उपरांत प्रक्षेत्र में बायोफ्लॉक मछली उत्पादन तकनीक, बत्तख पालन इकाई का भ्रमण एवं निरिक्षण कराया गया। तत्पश्चात आम के बगीचों में छायादार स्थानों का उपयोग करते हूए मशालों वाली फसले जैसेः अदरक, हल्दी, कोचई एवं जिमीकंद फसल प्रदर्शन से भी अवगत कराया गया। इसके साथ-साथ अधिकारियों को प्रक्षेत्र में बीज उत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत उगाये गये फसल जैसेः धान, अरहर एवं उड़द की खेती का अवलोकन कराया गया साथ ही यह भी बताया गया कि मुख्य फसलों की मेड़ों का दक्षतापूर्ण उपयोग करते हूए पूष्प, फल एवं सब्जीवर्गीय फसलों की बहुस्तरीय खेती किया जा सकता है। जिससे मेड़ों में उगने वाले खरपरवार रूपी परपोषी पौधों की साफ-सफाई करने से फसलों में कीट एवं रोगों के विस्तार कम होता है व खेती की लागत को कम किया जा सकता है। साथ-ही-साथ किसानों को घरेलु उपयोग हेतू पोषणयुक्त फल, फुल एवं सब्जीयां भी उपलब्ध होते रहते है। इसके अलावा प्रक्षेत्र की अन्य इकाईयों जैसेः मशरूम उत्पादन इकाई, पपीता की खेती, मधुमक्खी पालन इकाई, मुर्गी पालन इकाई, पशुपालन इकाई आदि का निरीक्षण किया गया। डॉ. एस. के. सिन्हा, अधिष्ठाता, राजमोहिनी देवी कृषि महा. एवं अनुसंधान केन्द्र, अम्बिकापुर द्वारा प्रक्षेत्र में लगाये गये मक्का फसल एवं धान व लघु धान्य फसलों की क्रॉप कैफेटेरिया में लगाये गये विभिन्न किस्मों की विशेषताएं एवं उत्पादकता तथा सरगुजा अंचल के विभिन्न विकासखण्डों में उगाये जाने वाले स्थानिय एवं प्रचलित किस्मों से संबंधित विशेष जानकारी साझा की गई। श्रीमती शहला निगार, कृषि उत्पादन आयुक्त, छ.ग. शासन द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा के प्रक्षेत्र में संचालित विभिन्न इकाईयों को देख प्रफुल्लित हुई एवं प्रसन्नता पूर्वक सराहना करते हूए केन्द्र की तकनीकों को कृषकों के खेतों तक पहूॅचाने के लिए सलाह एवं प्रोत्साहन दिये। साथ-ही-साथ कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु दिये जाने वाले प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन का प्रतिक्रिया एवं क्रियाशीलता का पूष्टि करने का परामर्श दिये। भ्रमण के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री पी. आर. पैकरा, विषय वस्तु विशेषज्ञ (सस्य विज्ञान), श्री सुर्य प्रकाश गुप्ता, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कीट विज्ञान), प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. बिंदिया पैकरा (मृदा विज्ञान), श्री अमित प्रकाश यादव, कार्यक्रम सहायक (कम्प्युटर), विरेन्द्र कुमार, कार्यक्रम सहायक (कीट विज्ञान) एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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