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हंगामे के बाद हॉस्पिटल पहुंचे सीएमएचओ व जिपं उपाध्यक्ष
अंबिकापुर. बलरामपुर में डॉक्टर के निर्देश के बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने ऑक्सीजन हटाकर 3 महीने की बच्ची को एम्बुलेंस से अंबिकापुर रवाना कर दिया। रास्ते में बच्ची की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने रात में बलरामपुर जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। बलरामपुर सीएचएमओ ने कहा कि मामले में जांच कर कार्रवाई करेंगे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष की समझाइश के बाद हंगामा शांत हुआ।
दरअसल, ग्राम पिंडरा निवासी सनम अगरिया की तीन माह की बेटी संजना अगरिया की तबीयत खराब होने पर मंगलवार को उसे परिजन निजी चिकित्सक को दिखाने पहुंचे। निजी चिकित्सक ने उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाने कहा। बच्ची को लेकर वे 3 बजे जिला अस्पताल पहुंचे, जहां बच्ची को भर्ती किया गया। निमोनिया के लक्षण होने मिलने पर शिशु रोग विशेषज्ञ ने बच्ची को तत्काल ऑक्सीजन लगाने के निर्देश दिए।
शिशु रोग विशेषज्ञ ने सनम अगरिया से कहा कि, बच्ची की हालत गंभीर है। उसे लेकर तत्काल अंबिकापुर जाने की व्यवस्था करे। बलरामपुर हॉस्पिटल से एक अन्य रेफर मरीज को लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज जा रहे एम्बुलेंस में सनम अगरिया और उसकी पत्नी ललकी को बच्ची को भेजने की व्यवस्था की गई।
हॉस्पिटल में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने एम्बुलेंस में बच्ची को आक्सीजन देने की व्यवस्था नहीं की। मासूम संजना को लगा ऑक्सीजन हटाकर ललकी अगरिया को एम्बुलेंस में सामने चालक की बगल वाली सीट पर बच्ची को लेकर बैठा अंबिकापुर के लिए रवाना कर दिया गया। सनम को पीछे बैठा दिया गया।
अंबिकापुर पहुंचने से पहले ही मासूम संजना अगरिया ने दम तोड़ दिया। सनम अगरिया और उसकी पत्नी ललकी अगरिया मृत बच्ची को लेकर रात 10 बजे वापस जिला अस्पताल बलरामपुर पहुंचे। शिवम अगरिया के परिजन भी हॉस्पिटल पहुंच गए और उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा कर दिया।
सूचना पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव, सीएमएचओ बलरामपुर डॉ. बसंत सिंह भी मौके पर पहुंचे। सीएमएचओ ने कहा कि, बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसे ऑक्सीजन पर रखने कहा गया था। हॉस्पिटल से उसे ऑक्सीजन के साथ भेजा जाना था। मामले में लापरवाही की जांच की जाएगी। संबंधितों पर कार्रवाई होगी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव ने परिजनों को समझाइश दी, जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
दो दिनों से बीमार थी संजना
मृत बच्ची के पिता सनम अगरिया ने बताया कि, बच्ची को दो दिनों से सर्दी, खांसी था। उसे नेबुलाइजेशन करने के बाद स्थिति में सुधार हुआ था। डॉक्टर के निर्देश के बाद भी ऑक्सीजन हटाकर उसे रेफर किया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई।