अंबिकापुर।सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार के स्कूलों में ताबड़तोड़ निरीक्षण के बाद अंबिकापुर विकासखंड के शिक्षकों के ग्रुप में मैसेज चल रहा है कि अब शिक्षक एक दिन का भी आकस्मिक अवकाश बिना संकुल प्राचार्य स्वीकृति के नहीं ले सकेंगे,इसके लिए बाकायदा उन्हें संकुल प्राचार्य से स्वीकृत करा कर अपने संस्था को देना होगा। यदि यह बात सामने आई है तो इसमें सोचने वाली बात यह है कि अब चाहे वे कितना भी बीमार हो यदि वह एक दिन का भी छुट्टी चाहते हैं तो उन्हें बीमार अवस्था में प्राचार्य संकुल के पास जाकर पहले स्वीकृति लेना पड़ेगा उसके बाद उसे अपनी संस्था को पहुंचाना पड़ेगा तभी एक दिन की छुट्टी ले सकते हैं।
अब ऐसे में यदि बीमार शिक्षक बिस्तर पर पड़े हो तो वह कैसे छुट्टी लेने संस्था प्रमुख के पास जा सकते हैं। शिक्षकों ने बताया कि पहले व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अपना आवेदन शिक्षक अपनी संस्था को भेज कर स्वीकृत कराते थे। सभी संकुल में व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है। इन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से वे अपनी आकस्मिक अवकाश लेने के लिए आवेदन डाल सकते थे, जिसमें ग्रुप में शिक्षा के समन्वयक से लेकर शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारी तक जुड़े रहते हैं जिससे पता चल जाता है कि उक्त शिक्षक आकस्मिक अवकाश पर है और आवेदन की हार्ड कॉपी बाद में शिक्षक स्वस्थ होने के बाद जमा कर देता था।
अब कोई भी शिक्षक एक दिन,दो दिन या तीन दिन के आकस्मिक अवकाश पर जाते है,तो संबंधित शिक्षक संकुल प्राचार्य से स्वीकृत कराने के पश्चात आवेदन संस्था में रख कर ही आकस्मिक अवकाश पर जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। बिना स्वीकृति आवेदन रखने पर अनुपस्थित माना जायेगा,व्हाट्सअप के माध्यम से अवकाश की सूचना अब मान्य नहीं होगा।
आधे दिवस के अवकाश में यदि कोई शिक्षक जाता है,तो फोन के माध्यम से संबंधित संकुल समन्वयक के जरिये विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सूचित करने के पश्चात ही अवकाश पर जाएंगे। निर्देश में यह भी बताया गया है कि सभी संस्था प्रमुख अवकाश पंजी का संधारण अवश्य करें।कलेक्टर के निर्देश पर अब शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारी भी स्कूलों का निरीक्षण करने की बात सामने आई है।इस निर्देश के बाद लंबे समय बिना लिखित जानकारी छुट्टी लेकर जाने वाले शिक्षकों पर अंकुश लग सकेगा।
स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों के अवकाश के कारण प्रभावित न हो,ऐसी व्यवस्था बने- कलेक्टर
इस संबंध में कलेक्टर सरगुजा कुंदन कुमार ने जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा शिक्षा के अधिकारियों व प्राचार्य की गत दिनों बैठक ली गई थी,जिसमें शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने कदम उठाने की बात कही गई थी।इसमें इस संबंध में यह बताया गया था कि शिक्षकों की उपस्थिति नियमित स्कूलों में हो सके ऐसी व्यवस्था जिले के सभी स्कूलों में बनाई जाए।आकस्मिक अवकाश का संधारण पंजी में स्पष्ट उल्लेख हो ताकि किसी भी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों के अवकाश के कारण प्रभावित न हो।बीमार व विशेष आवश्यकता में अवकाश लेना तो एक अलग कारण हो सकता है।उन्होंने आगे बताया कि जिले में सभी शिक्षा अधिकारियों के विशेष सहयोग के कारण ही आज जिले की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है।गत वर्ष 10वीं और 12वीं में हमें सरगुजा जिले से टॉपर्स मिले हैं आगे और शिक्षा और स्वास्थ्य पर मेरा विशेष फोकस रहेगा।आज मैं जहां बैठा हूं शिक्षा के कारण, इसलिए चाहता हूं कि जिले का हर बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त कर एक मुकाम हासिल करें जिसमें हमारे जिले के शिक्षा के सभी अधिकारी का भी सहयोग मिल रहा है।