अम्बिकापुर।बलरामपुर के यातायात थाने में पदस्थ होने के बावजूद एक आरक्षक का सरगुजा में अवैध वसूली करने का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। शिकायत पुरानी ही सही परंतु लगातार प्रवीण नामक आरक्षक के विरुद्ध सामने आ रही है। तारीफ करनी होगी उक्त आरक्षक की जो अंबिकापुर के सभी थानों में पदस्थ रह चुका है। जुगाड़ू आरक्षक के नाम से पहचाने जाने वाले इस आरक्षक का वसूली की शिकायतों की वजह से जरूर सरगुजा आईजी ने तबादला चुनचुना पुदांग किया था ,लेकिन आरक्षक प्रवीण ने जुगाड़ जंतर और तगड़े बैकअप से बलरामपुर के यातायात थाना में खुद को पदस्थ करा लिया है। आरक्षक के खिलाफ पीड़ितों ने एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई । जिसकी जांच चल रही है ।
नगर के सत्तीपारा निवासी मुरलीधर सोनी ने तो उक्त आरक्षक के खिलाफ झूठे मामले में फ़साने की धमकी देकर रूपये वसूली करने और बेगारी कराने की शिकायत पुलिस महानिरीक्षक से कुछ माह पूर्व की थी। पीड़ित ने आरोप लगाया था की मोबाईल कंपनी में काम करने के दौरान प्रवीण नामक उक्त आरक्षक ने पीड़ित को काफी प्रताड़ित करते हुए रुपये की वसूली की है। पीड़ित ने शिकायत में लिखा है की उक्त आरक्षक मणिपुर थाना ले गए और झूठे केश में फ़साने की धमकी देकर विगत एक डेढ़ सालो से शोषण किया है और मोबाईल से सम्बंधित उलटे सीधे काम करवाए है। आरक्षक के पुलिसिया खौफ और प्रताड़ना से इतना डरा सहमा था की किसी को बता नहीं पा रहा था ,अब जब उक्त आरक्षक का ट्रांसफर हो गया है तब कही जाकर शिकायत करने की हिम्मत पीड़ित जुटा सका है।
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही उक्त आरक्षक के खिलाफ एक और शिकायत सामने आई थी जिसमें अंबिकापुर कहीं एक पीड़ित दुकानदार ने आरोप लगाते हुए उक्त आरक्षक पर फ्री की जींस और टीशर्ट ले जाने के साथ-साथ धमकी देकर पैसे की उगाही करने का गंभीर आरोप लगाया था। कई शिकायतों के बाद भी उक्त आरक्षक पर आज तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कहा जा सकता है कि ऐसे में तो वर्दी का रौब दिखाकर उक्त आरक्षक अपने मनमाने तरीके से सिर्फ अपना काम आला अधिकारियों के नाक के नीचे रहकर कर रहा है। खाकी की गरिमा से खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौसले और बुलंद हो रहे हैं। मामला चाहे जो भी हो पीडितो ने जो भी आरोप लगाया है यह जांच का मामला है।