17 September 2024
आस्था के 27 साल…हर वर्ष बढ़ता जा रहा शंकरघाट में श्रद्धालुओं का जन् समूह..मां महामाया सेवा समिति की तैयारी इस वर्ष भी जोरों पर…17 नवम्बर से महापर्व होगा शुरू,समिति के साथ छोटे बाबा अरुणेश्वर शरण सिंह देव ने भी लिया छठ घाट का जायजा
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आस्था के 27 साल…हर वर्ष बढ़ता जा रहा शंकरघाट में श्रद्धालुओं का जन् समूह..मां महामाया सेवा समिति की तैयारी इस वर्ष भी जोरों पर…17 नवम्बर से महापर्व होगा शुरू,समिति के साथ छोटे बाबा अरुणेश्वर शरण सिंह देव ने भी लिया छठ घाट का जायजा

अम्बिकापुर।मां महामाया सेवा समिति के तत्वावधान में पिछले 27 वर्षों से 3 दिनों तक आयोजित होने वाली कठिन पूजा छठ में श्रद्धालुओं की सेवा की जाती है। इसके लिए समिति के अध्यक्ष विजय सोनी के नेतृत्व में हर वर्ष बांक नदी की साफ-सफाई करने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए रात में रुकने व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जातीं हैं।

इस वर्ष भी मां महामाया सेवा समिति के सदस्यों के साथ ही अध्यक्ष विजय सोनी शंकर घाट छठ घाट में श्रद्धालुओं के लिए बृहद व्यवस्था करने में जुट गए हैं। मंगलवार को समिति के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ छोटे बाबा अरुणेश्वर शरण सिंह देव ने भी छठ घाट में तैयारी का जायजा लिया। बता दें कि बिहार, उत्तरप्रदेश का प्रमुख पर्व छठ सरगुज़ा का भी जन उत्सव बन चुका है। अंबिकापुर शहर में छठ पर्व मनाने की परंपरा वर्षों से रही है, लेकिन इसकी भव्यता और हर परिवार से जुड़ाव की नींव लगभग 27-28 वर्ष पहले रखी गई थी। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के बाद पहली बार 1995 में मां महामाया सेवा समिति के माध्यम से सार्वजनिक छठ पूजा की शुरुवात बौरीबांध अंबिकापुर से की गई थी।स्थानाभाव के कारण कुछ वर्ष बाद शंकरघाट में आयोजन ने भव्य स्वरूप लिया। सजे-धजे बांकी नदी तट पर व्रती श्रद्धालुओं के छठ गीतों की अनुगूंज ने सिर्फ शहर ही नहीं समूचे सरगुज़ा को सूर्योपासना के इस महापर्व से जोड़ दिया। वर्तमान में हर वर्ष शंकर घाट में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते श्रद्धालुओं के कारण शहर सहित शहर के आसपास कई छठ घाट का निर्माण भी कराया गया जहां भारी संख्या में श्रद्धालु हर वर्ष पहुंचते हैं। शंकर घाट छठ घाट में इस महापर्व को लेकर अभी कुछ दिन पहले ही साफ सफाई का आयोजन किया गया था। छठ घाट की साफ सफाई के साथ-साथ अब इस पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। मंगलवार को छठ घाट शंकर घाट की तैयारी व जायजा के दौरान मां महामाया छठ सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सोनी के साथ समिति के एल्डरमैन संजीव मंदिलवार, सूटन सिंह, पप्पू ठाकुर,भानू सिह,राधे कुशवाहा, कृष्णा ,चंदा पांडे, दीपक सिंन्हा, मनोज श्रीवास्तव, बबलू कुशवाहा, सनी कुशवाहा, कपिल बंसल सहित अन्य मौजूद थे। इस वर्ष 17 नवम्बर को नहान खान के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी। 18 को खीर भोजन व घाट बंधान,19 को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 20 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर वश व्रती श्रद्धालु पारण करेंगे।

मां महामाया छठ सेवा समिति का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय-अरुणेश्वर

छठ घाट पहुंचे छोटे बाबा अरुणेश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि प्रकृति और हरियाली को बचाना बहुत जरूरी है। प्रकृति बचेगी तभी सब कुछ बचेगा। सूर्य उपासना के महापर्व छठ मनाने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि हमें प्रकृति को बचाना है, हरियाली बचाना है, जल का संरक्षण करना है। यह सारी चीजों को हम बचा लें तो हमारा उपवास भी सफल हो जाता है। मां महामाया छठ सेवा समिति का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। आयोजन स्थल को जिस तरह से सजाया जा रहा है ,उससे आने वाले दिनों में व्यवस्था भी बेहतर बनेगी।

प्रशासन व पुलिस का मिलता है सहयोग-विजय सोनी 

मां महामाया छठ सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सोनी ने कहा कि इस महापर्व में जहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ छठ घाट में उमड़ती है,वही भीड़ को व्यवस्थित करने हर वर्ष प्रशासन व पुलिस कर भरपूर सहयोग मिलता है। समिति इस बार भी शंकरगढ़ छठ घाट में 50 हजार
व्रती श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था कर रही है। तीन अन्य घाट भी बनाए गए हैं, तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि समिति का पानी की सफाई में ज्यादा जोर है। उन्होंने शासन प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि शंकर घाट के पास पुलिया का निर्माण हो जाने से लोगों को साफ पानी मिल पाएगा। इसके साथ-साथ उन्होंने शहर वासियों से भी सहयोग करने को कहा ताकि नदी में गंदगी ना हो।

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