कुसमी।
जनपद पंचायत कुसमी के ग्राम पंचायत भगवानपुर सचिव ने जनपद पंचायत कुसमी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक पांडे द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भी सचिव तिलीम साय के द्वारा नोटिस का जवाब नही दिया ।
आरोप है कि जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत भगवानपुर के सरपंच सचिव द्वारा मिलकर 14 वा एवं 15 वा वित्त आयोग मद से शासन द्वारा प्राप्त राशि में जमकर भ्रष्टाचार करते हुए 20.लाख रुपए की राशि का गबन करते हुए अपने चहेतों के खाते में आहरित कराया था। ग्राम पंचायत में पुराने निर्माण कार्य जो अन्य योजनाओं से बना था उसे 14वा एवं 15 वा वित्त आयोग से बनवाया गया ऐसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रशासन को अंधेरे में रखकर राशि गबन किया गया ।
ग्राम पंचायत द्वारा 15 वित्त मद से पंचायत भवन के पास चबूतरा निर्माण कार्य कराया जाना था जिसमें ग्राम पंचायत ने 9/9/ 2022 को ₹2 लाख रुपए कुसमी के एक वेंडर के खाते में राशि आहरित किया, आहरण दिनांक से आज तक लगभग 10 माह बीत जाने के बाद भी नहीं बना है , वही दूसरी ओर रनिंग वाटर सप्लाई प्राथमिक शाला भगवानपुर में फर्जी मूल्यांकन के आधार पर 80000(अस्सी हजार ) रुपए अपने पसंदीदा वेंडर के नाम से आहरित किया गया ,लेकिन जब अधिकारियों ने जांच पड़ताल किया तो जांच अधिकारी मिथलेश चौबे उप अभियंता के द्वारा बताया गया की वह ₹30000 (तीस हजार )का भी मूल्यांकन नहीं हो पाएगा। हद तो तब हो गई जब पंचायत सचिव तिलीम साय एवम सरपंच जगमोहन राम ने पंचायत भवन जीर्णोद्धार के नाम पर पंचायत सचिव की पत्नी के खाते में ₹120000(एक लाख बीस हजार ) की राशि फर्जी तरीके से आहरित करवा कर हड़प ली . उस समय पदस्थ जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय दुबे ने पंचायत इंस्पेक्टर महेश राम बुनकर एवं तकनीकी अधिकारी उप अभियंता मिथिलेश चौबे को जांच अधिकारी बना कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था, किंतु महेश बुनकर के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण जांच प्रतिवेदन गलत बनाने से सचिव बचता रहा। जहां एक ओर उप अभियंता ने वर्तमान में जाकर मौका मुआयना कर वास्तविक मूल्यांकन कर जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा है कि पंचायत के माप पुस्तिका में जो मूल्यांकन हुआ है वह वास्तविक धरातल पर निर्माण कार्य नहीं हुआ है फिर भी अधिकारियों के सुस्त एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण आज तक ना तो आवेदन करता को जांच प्रतिवेदन प्रदाय किया गया ना ही सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी,,, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ????
जानकारी हेतु बता दें कि आवेदन कर्ता के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिनांक 28,10 ,2022 को जन सूचना अधिकारी कार्यालय ग्राम पंचायत भगवानपुर को जानकारी मांगा था किंतु समयानुसार जानकारी ना देने के बाद आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी को दिनांक 1,12 ,2022 को प्रथम अपील करते हुए जानकारी हेतु आवेदन दिया था परिणाम स्वरूप दिनांक 22,12 ,2022 को कार्यालय जनपद पंचायत कुसमी के पत्र क्रमांक 1199 के तहत जन सूचना अधिकारी एवं सचिव भगवानपुर को 5/1/ 2023 समय 2:00 बजे जनपद पंचायत कार्यालय में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया था आवेदक के उपस्थित रहने के बाद भी जन सूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जिससे क्षुब्ध होकर आवेदक के द्वारा नियमानुसार द्वितीय अपीलीय छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग रायपुर को आवेदन प्रस्तुत कर जानकारी मांगा , साथ ही आवेदक के द्वारा इस पूरे विषय वस्तु की जानकारी मौखिक एवं लिखित रूप से वर्तमान में पदस्थ जनपद पंचायत कुसमी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दी जिसमें जनपद पंचायत कुसमी के द्वारा पत्र क्रमांक 16 14 दिनांक 6 /07/2023 के तहत सचिव एवम जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत भगवानपुर को तीन दिवस के भीतर अर्थात 10 /07/ 2023 तक जवाब प्रस्तुत करने हेतु नोटिस जारी किया लेकिन सचिव के द्वारा ना तो जनपद पंचायत कुसमी में जानकारी दिया गया ना तो आवेदक को। जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि भ्रष्ट सचिव के हौसले कितने बुलंद हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी अभिषेक पांडे ने कहा कि उच्च अधिकारियों को लिखित तौर पर पूरी जानकारी दी जाएगी, नियमानुसार वसूली इत्यादि सभी कार्रवाई की जाएगी।.
इस संबंध में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से संपर्क करना चाहा गया तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।