अंबिकापुर.दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की जनहितैषी व सहयोगात्मक नवाचार नन्हे फरिश्ते के माध्यम से बच्चों की तस्करी रोकने बरती जा रही सतर्कता, निराश्रित, जरूरतमंद बच्चों को बचाने की पहल सराहनीय है। मानव तस्करी को रोकने के लिए की जा रही ऑपरेशन आहट जैसी कार्रवाई अनुसूचित क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी व अपराध रोकने के लिए कारगर सिद्ध होगी।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की प्रथम बैठक मे परामर्श दात्री समिति के सदस्य मुकेश तिवारी ने कई सुझाव रखें. श्री तिवारी ने जी एम द्वारा वॉशिंग पीट निर्माण के लिए 32 करोड रुपए की राशि की स्वीकृति की जानकारी देने पर,उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए अतिरिक्त प्लेटफार्म निर्माण को अत्यावश्यक बताते हुए इसके लिए शीघ्र पहल का अनुरोध किया ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अंबिकापुर रेलवे स्टेशन में एक मात्र प्लेटफार्म होने के कारण, निजामुद्दीन अंबिकापुर एवं जबलपुर अंबिकापुर जैसी ट्रेन को एक-एक घंटे तक अंबिकापुर के पूर्ववर्ती कमलपुर स्टेशन में प्लेटफार्म खाली होने के प्रतीक्षा में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है। अंबिकापुर रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म के दूसरी ओर गुडस शेड के रूप में उपयोग किए जा रहे क्षेत्र का महीने में दो तीन दिन ही उपयोग हो पता है, जिसे गुड्स के लिए सर्व सुविधा युक्त कमलपुर स्टेशन में स्थानांतरित किया जा सकता है।
अंबिकापुर में अतिरिक्त प्लेटफार्म बनने से न केवल गाड़ियों का व्यवस्थित और सुविधाजनक आवागमन होगा बल्कि नई गाड़ियों के परिचालन की क्षमता,संभावना भी बढ़ेगी।
शहडोल नागपुर ट्रेन का अंबिकापुर से परिचालन
के संबंध में महाप्रबंधक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि शहडोल से चलने वाले ट्रेन में क्षमता से लगभग 35 प्रतिशत सीटें ही अभी भर पा रही हैं, शहडोल में इस ट्रेन का लाई ओवर यद्यपि कम है फिर भी इसे आगे बढ़कर अनूपपुर अंबिकापुर तक ले जाने की संभावना पर विचार किया जाएगा।
अंबिकापुर से इस ट्रेन के परिचालन से यात्रियों की पर्याप्त संख्या हमेशा उपलब्ध रहेगी, सरगुजा क्षेत्र की लंबे समय से नागपुर तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग भी शहडोल नागपुर ट्रेन के अंबिकापुर से परिचालन शुरू हो जाने से पूरी हो जाएगी।
अंबिकापुर से रेणुकूट प्रस्तावित रेलवे लाइन का प्रयासों को तीव्रतर कर बजट में इसका प्रावधान के
संबंध में महाप्रबंधक से आग्रह किया गया कि अंबिकापुर को वृहत्तर रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए प्रस्तावित रेल लाइनों के डीपीआर की जानकारी उपलब्ध कराने पर इस संबंध में की जाने वाली पहल ज्यादा सार्थक और औचित्य पूर्ण रहेगी। प्रस्तावित रेल मार्ग की दूरी लागत और आर ओ आऱ से बेहतर संभावनाओं पर फोकस किया जा सकता है।
सरगुजा क्षेत्र की जनभावनाएं अंबिकापुर को रेणुकूट रेल लाइन से जोड़ने की है। इस रेल लाइन के निर्माण की मांग को लेकर सैकड़ो लोगों ने रेणुकूट से अंबिकापुर तक की पदयात्रा हाल में ही की है। हजारों लोगों का इस मार्ग से प्रतिदिन आवागमन होता है, कोल परिवहन की बेहतर संभावनाएं इस रास्ते से हैं। अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग के निर्माण से सीधे बनारस प्रयागराज अयोध्या तक जुड़ाव हो जाएगा। अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन जुड़ जाने से अंबिकापुर से दिल्ली की दूरी भी कम हो जाएगी। यह प्रस्तावित मार्ग अन्य वैकल्पिक मार्गों की तुलना में लघुतर, कम लागत वाला और अपेक्षाकृत अधिक उपयोगी है।
इसके अतिरिक्त अंबिकापुर से रायपुर के लिए प्रातः काल इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन से बिलासपुर न्यायधानी और राजधानी रायपुर आवागमन में यात्रियों को और बेहतर सुविधा प्राप्त होगी, इंटरसिटी ट्रेन से समय की भी बचत होगी।
एसईसीआर कि यात्रियों को सुविधा व निरंतर सेवा प्रदान करते हुए आधुनिकीकरण के पहला प्रशंसनीय है, इसका लाभ सरगुजा क्षेत्र को भी मिलेगा ज़ब दुर्ग अंबिकापुर एक्सप्रेस ट्रेन में आईसीएफ की जगह एलबीअच कोच की व्यवस्था कर दी जाए। बेहतर सुरक्षा मानकों के साथ इससे इस क्षेत्र को साफ सफाई एवं बेहतर सुविधा का समुचित लाभ भी प्राप्त होगा।