बिश्रामपुर ।एसईसीएल बिश्रामपुर वन सी कॉलोनी निवासी गृहणी श्रीमती संध्या त्रिपाठी की लिखी रचना एहसास रिश्तों का नामक पुस्तक को बाजार में बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है, पाठक भी इस पुस्तक को खूब पसंद कर रहे है।बता दें कि एसईसीएल बिश्रामपुर महाप्रबंधक कार्यालय के सिविल विभाग में पदस्थ लिपिक सुवन त्रिपाठी की पत्नी संध्या त्रिपाठी जिन्हे बचपन से ही गीत संगीत के साथ विभिन्न विषयों पर लेखन का शौक व जुनून है। मूलतः अंबिकापुर निवासी संध्या त्रिपाठी बाल्यकाल में आकाशवाणी अंबिकापुर से जुड़ी रही आकाशवाणी से ही प्रसारित होने वाले बच्चो के कार्यक्रम फुलवारी और बाद में वे आकाशवाणी के दूसरे कार्यक्रम युववाणी किशोर सभा में भाग लेती रही।अंबिकापुर होली क्रास कॉलेज से स्नातक संध्या त्रिपाठी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी रचनाओं से कई पुरुस्कार अपने नाम कर चुकी है।
संध्या बताती है की आज सोशल मीडिया की आमजनो में पैठ बढ़ जाने के बाद लोगो का लिखना पढ़ना लगभग बंद हो चुका है, सोशल मीडिया का ऐसा दौर आएगा इसकी कल्पना हम सब ने कभी भी नही की थी।उन्होंने बताया की वे शुरू से ही विभिन्न विषयों पर लिखती रही हैं जो अब तक केवल उनकी डायरी तक ही सीमित रह था ।शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारी बाद में बच्चो की जिम्मेदारी से उनके लिखने का क्रम थोड़ा थमा जरूर लेकिन बच्चो के बड़े हो जाने के बाद जिम्मेदारियां जैसे कम हुई उन्होंने लिखना फिर से शुरू किया। कोरोना काल में जब सब कुछ थम सा गया था घर में जब आदमी पूरी तरह कैद होकर रह गया था तब उन्होंने इस समय का सदुपयोग करने सोचा और पुस्तक लिखना शुरू किया।एहसास रिश्तों का शीर्षक से पुस्तक लिखने के पीछे अपनी सोच के विषय में उन्होंने बताया की लोग इस पुस्तक को पढ़ेंगे तो उन्हें इस बात का एहसास अवश्य होगा की ये हमारे जीवन से जुड़ी हुई सच्ची घटनाओ पर आधारित है और सामाजिक पहलुओं पर केंद्रित है,उन्होंने बताया की उनके पुस्तक लिखने का मकसद भी यही है की लोग लिखने पढ़ने की छोड़ चुके आदत से पुनः जुड़े साथ ही समाज में लोग सकारात्मक चीजों को अपनाए और आगे बढ़े।उन्होंने बताया की उनकी लिखी पुस्तक एहसास रिश्तों का में 26 कहानियों का संग्रह है।उक्त पुस्तक विजयादशमी के दिन प्रकाशित हुई है जिसे यूनिक फील क्रियेसांस पब्लिकेशन डिवीजन के द्वारा प्रकाशित किया गया है जो आमजनो के लिए अमेजन पर उपलब्ध है।