Sarguja express ….
अम्बिकापुर।लगभग एक से डेढ़ महीने होने जा रहे हैं संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय को अंबिकापुर के बाबूपारा से भकुरा में स्थानांतरित कर दिया गया है, जो अंबिकापुर शहर से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित है। दिनों दिन यह छात्रों के लिए बहुत ही आसुविधाजनक होते जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जल्दबाजी में विश्वविद्यालय का स्थानांतरण कर दिया। भकुरा स्थित विश्वविद्यालय की प्रशासनिक भवन आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ है और विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जल्दबाजी के चक्कर में पूरे कार्य को भकुरा स्थित एक दूसरे भवन में स्थानांतरण कर दिया गया है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा इतना भी नहीं सोचा गया कि विश्वविद्यालय तक पहुंचने वाली सड़कों की स्थिति अत्यंत जर्जर है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
छात्रों को प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए भकुरा तक की यात्रा करनी पड़ रही है। इससे न केवल उनका अतिरिक्त धन व्यय हो रहा है, बल्कि कीमती समय भी नष्ट हो रहा है। आवेदन जमा करने, परिणाम सुधारने या किसी अन्य शैक्षणिक प्रक्रिया के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उन्हें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क की खराब स्थिति और विश्वविद्यालय के दूरस्थ स्थान के कारण छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, गैर-राजनीतिक संगठन आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा एवं छात्र मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रतीक गुप्ता ने छात्रहित में मांग की है कि अंबिकापुर शहर में विश्वविद्यालय का एक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाए। यह कार्यालय सिंगल विंडो प्रणाली पर आधारित हो तथा वहां एक अधिकृत अधिकारी नियुक्त किया जाए, जिससे छात्रों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके।
इस संबंध में आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा और क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना को अति आवश्यक बताया। कुलपति ने उचित आश्वासन देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही इस पर कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंबिकापुर के पुराने विश्वविद्यालय भवन में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा, ताकि छात्रों को भकुरा तक लंबी दूरी तय न करनी पड़े।