प्रतापपुर। छत्तीसगढ़ शासन के नवनियुक्त ट्राइबल मंत्री मोहन मरकाम ने सरगुजा संभाग मुख्यालय में आदिम जाति कल्याण विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारियों की बैठक ली थी। समीक्षा के दौरान वहां उपस्थित अधिकारियों ने ट्राईबल मिनिस्टर को बताया कि प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत माडीडांड में लोक निर्माण विभाग सरगुजा अंबिकापुर द्वारा वर्ष 2007- 8 में 40 लाख की लागत से छात्रावास भवन का निर्माण कराया है, जिसमें कक्षा और आवास संचालित है। इस पर वहां पर उपस्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सूरजपुर द्वारा बताया गया कि उक्त भवन अधूरा है और उसमें कक्षाएं नहीं लग रही है। जिस पर ट्राइबल मंत्री ने वहां उपस्थित अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह को उक्त भवन का निरीक्षण करने का आदेश दिया था। जिस पर आज तत्काल मौके पर पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह अपने कर्मचारियों के साथ माडीडांड स्कूल में पहुंचे । वहां की स्थिति देख दंग रह गए। भवन बिल्कुल अधूरा व जर्जर स्थिति में पड़ा मिला। अंदर बरामदे में अरहर की खेती हुई हैं, जिसे देखकर वहां उपस्थित जनप्रतिनिधि पत्रकार सभी दंग रह गए ।भ्रष्टाचार का यह कौन सा नमूना है । लाखों की लागत से बनने वाले भवन में इस प्रकार एक विभाग के अधिकारी द्वारा झूठ बोलना समझ से परे है। एक सवाल के जवाब में आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप ने कहा कि मैं अपनी रिपोर्ट तत्कालीन मंत्री व छत्तीसगढ़ सरकार को दूंगा। निश्चित ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।
जनपद सभाकक्ष में कुल 12 मामलों में की सुनवाई
जनपद सभा कक्ष में पक्षकारों की हुई सुनवाई पर राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक
आज छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने जनपद सभाकक्ष में आयोग का सुनवाई रखा जिसमें कुल 12 मामलों में सुनवाई की।
ग्रामीण क्षेत्रों से आए कई ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी गई। इस दौरान शक्कर कारखाना के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिव भजन मरावी, जनपद अध्यक्ष जगत लाल आयाम, मीडिया प्रभारी राजेश गुप्ता, त्रिभुवन सिंह टेकाम ,प्यारे लाल नागवंशी ,अनिल सिंह ,अधिकारियों में अनुविभागीय अधिकारी दीपिका नेताम, मंडल संयोजक प्रमोद गुप्ता, जनपद सीईओ निजामुद्दीन, तहसीलदार समीर शर्मा सहित अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
चुनाव लडूंगा कि नहीं या फैसला हाईकमान का
पत्रकारों से चर्चा करने के दौरान अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने एक सवाल के जवाब पर कहा कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा या नहीं करूंगा इसका फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है उसे मैं बखूबी निभा रहा हूं क्योंकि मैं एक संवैधानिक पद पर हूं इसलिए मैं अभी कुछ नहीं कर सकता।