कुसमी( अमित सिंह )। लगातार बारिश से उप संभाग कुसमी सहित संपूर्ण जिला में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, मंगलवार देर रात से प्रारंभ हुई बारिश बुधवार को लगातार होती रही है । सड़को के ठीक ना होने के कारण शहर के बाहरी इलाकों में कई सड़कें बारिश के पानी से भर गई है, आसपास के गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है, जिससे वाहन चालकों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। कुसमी से कोरन्धा मार्ग ,कुसमी से जशपुर मार्ग की स्थिति काफी दयनीय है ,जहां एक ओर हर वर्ष जशपुर-कुसमी मार्ग स्थित गलफुला नदी अपने उफान पर आ जाता है एवं आवागमन को बाधित करता रहा है उसी तरह से कोरन्धा रोड में भी बीन गंगा नदी अपने उफान पर है ,जहां इन दोनों मार्गो पर बने पुलियो की स्थिति सही नहीं है, इन दोनों पुलिया का निर्माण विगत 20 वर्ष लगभग पूर्व में किया गया था। जिस कारण इनकी समय अवधि भी पूर्ण हो चुकी है।
किसानों को राहत धान रोपाई जोरों पर
रुक-रुक कर हो रही मानसून बारिश ने धान की फसल लगाने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है ,कुसमी जनपद में हुई लगातार बारिश से जहां खेत में लगी हरी सब्जियों का नुकसान हुआ है वही धान की रोपाई करने वाले किसान खुशी से झूम उठे हैं उन्हें रोपाई करने के लिए खेतों में ट्यूबवेल से पानी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी। जिससे उन्हें आर्थिक फायदा भी हो गया है, मंगलवार की दोपहर बाद हुई झमाझम बारिश से अधिकतर खेत पानी से लबालब हो गए हैं उससे धान की रोपाई करने वाले किसानों की गति में तेजी आ गई हैl पिछले 1 सप्ताह से धान की रोपाई का कार्य बहुत धीमी गति से हुआ लेकिन झमाझम बारिश के बाद बुधवार को एकाएक रोपाई के कार्य में बहुत तेजी आई है।
कुसमी विकासखंड में धान की फसल में अग्रणी गांव घुटराडिह में बुधवार को लगभग 50 एकड़ खेत में धान की रोपाई की गई है किसान गुरु प्रसाद ने बताया कि अच्छी बारिश हो जाने से हमें खेतों में पानी नहीं भरवाना पड़ा तथा एक साथ कई खेतों में रोपाई करने का अवसर मिल गया है आज तो हालत यह हो गई कि रोपाई करने के लिए बड़ी मुश्किल से मजदूरों की व्यवस्था हो पाई है ब्लॉक में हमारे गांव में सबसे पहले खेती की शुरुआत की जाती है तथा हम लोग एक सत्र में 3 फसल धान, आलू व गेहूं का उत्पादन करते हैं इसलिए धान की रोपाई जल्दी की जाती है किसानों ने बताया कि यह बारिश धान के लिए वरदान साबित हो रही है लोगों की सिंचाई में खर्च होने वाले काफी पैसों की बचत हो जाएगी।
द्रोणिका के प्रभाव से बदला मौसम, रुक-रुक कर हो रही वर्षा
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो राजस्थान से लेकर रांची होते हुए उड़ीसा तक मानसून द्रोणिका बनने से मौसम का मिजाज बदल गया है ,इससे उड़ीसा और झारखंड के बीच न्यून दाब का केंद्र बना है इसके प्रभाव से उत्तर छत्तीसगढ़ में बादलों की आवाजाही हो रही है और रुक रुक कर बारिश हो रहे हैं।